नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत मंडपम, नई दिल्ली में नीति आयोग (NITI Aayog) की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की। इस अहम बैठक में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष, सदस्य और CEO शामिल हुए। बैठक की थीम ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’ रखी गई थी।
NITI Aayog बैठक की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमें टीम इंडिया की तरह काम करना होगा। विकसित भारत हर भारतीय का सपना है और जब हर राज्य विकसित होगा, तभी भारत विकसित होगा।” उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने प्रदेश में कम से कम एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन को ग्लोबल स्टैंडर्ड पर विकसित करें।
प्रधानमंत्री ने NITI Aayog बैठक में यह भी कहा कि भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। ऐसे में हमें भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शहरों को विकसित करना होगा। उन्होंने कहा, “डेवलपमेंट, मॉडर्नाइजेशन और स्थिरता—यही हमारे शहरों के विकास का इंजन होना चाहिए।”
NITI Aayog बैठक में भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के रोडमैप पर विस्तृत चर्चा हुई। साथ ही यह भी बताया गया कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कैसे बेहतर समन्वय के साथ काम कर सकती हैं। रोजगार, उद्यमिता और कौशल विकास जैसे अहम मुद्दों पर भी मंथन हुआ।
तीन राज्यों के CM रहे गैरहाज़िर
बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी शामिल नहीं हुए। केरल की ओर से राज्य के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने प्रतिनिधित्व किया।
पिछली बैठक में ममता बनर्जी ने लगाया था भेदभाव का आरोप
यह भी उल्लेखनीय है कि पिछली 9वीं गवर्निंग काउंसिल (NITI Aayog) बैठक 27 जुलाई 2024 को हुई थी, जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक को बीच में छोड़कर चली गई थीं। ममता ने आरोप लगाया था कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया और उनका माइक बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा था कि बीजेपी के मुख्यमंत्रियों को 10 से 20 मिनट का समय दिया गया, जबकि उन्हें सिर्फ 5 मिनट दिए गए।

NITI Aayog की बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रतिनिधियों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाया।