सीरिया का संकट विश्व राजनीति के लिए एक गहरे और जटिल उदाहरण के रूप में उभरा है, जिसमें केवल सीरिया के नागरिक ही नहीं, बल्कि वैश्विक शक्तियाँ भी सक्रिय रूप से शामिल हैं। 2011 में जब सीरिया में लोकतांत्रिक बदलाव की मांग को लेकर आंदोलन हुआ, तो इसका परिणाम एक बर्बर गृहयुद्ध के रूप में सामने आया। राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार ने इन आंदोलनों को दबाने के लिए हिंसक तरीके अपनाए, जिससे संघर्ष ने और गंभीर रूप धारण किया। शुरू में विरोधी समूहों की छोटी-छोटी झड़पों के बाद यह संघर्ष बड़े पैमाने पर फैल गया और आज एक दशक से अधिक समय तक जारी है।
संघर्ष की जटिलता और वैश्विक शक्तियों की भूमिका
सीरिया के गृहयुद्ध को केवल एक आंतरिक संघर्ष नहीं माना जा सकता, क्योंकि इसमें वैश्विक शक्तियों का भी हस्तक्षेप हुआ है। रूस और ईरान ने असद सरकार का समर्थन किया, जबकि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने विभिन्न विपक्षी समूहों को समर्थन दिया। रूस और ईरान का समर्थन असद सरकार के लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि उन्होंने सैन्य सहायता और रणनीतिक सहयोग प्रदान किया, जिससे असद की सरकार ने जंग में अपनी पकड़ मजबूत बनाई। वहीं, पश्चिमी देशों का समर्थन विपक्षी समूहों को एकजुट करने और असद के खिलाफ दबाव बनाने का प्रयास था। इसके बावजूद, सीरिया में युद्ध के परिणामस्वरूप हुई तबाही और मानवीय संकट ने इस संघर्ष को एक वैश्विक ध्यान केंद्र बना दिया।
युद्ध की दिशा और मानवीय संकट
सीरिया में युद्ध की दिशा निरंतर बदलती रही है। 2011 के बाद से असद सरकार ने कई बार अपने नियंत्रण को खो दिया, लेकिन रूसी और ईरानी समर्थन ने उन्हें कई क्षेत्रों में वापसी करने का मौका दिया। 2014 में आईएसआईएस (ISIS) की उपस्थिति ने स्थिति को और जटिल बना दिया, क्योंकि यह आतंकवादी समूह सीरिया के कई हिस्सों में सक्रिय था। हालांकि 2019 में आईएसआईएस को परास्त कर दिया गया, लेकिन उनके द्वारा छोड़ी गई अस्थिरता ने सीरिया में संघर्ष को और बढ़ा दिया।
आज, सीरिया की लगभग 60% से अधिक आबादी विस्थापित हो चुकी है। इन विस्थापित लोगों की संख्या दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी संकटों में से एक है। बुनियादी ढांचे का भारी नुकसान, शिक्षा की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं की अस्वस्थ स्थिति ने सीरिया में रहने वाले लोगों की जिंदगी को अत्यधिक कठिन बना दिया है। युद्ध के चलते लाखों लोग अपने घरों से पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं और अब वे विभिन्न देशों में शरण लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसके अलावा, 2023 में आए भूकंप ने सीरिया की स्थिति को और भी गंभीर बना दिया, क्योंकि पहले से ही बर्बाद हो चुके क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्य एक नई चुनौती बन गई है।
वर्तमान स्थिति और आने वाला भविष्य
2024 में सीरियाई विपक्षी समूहों ने एक बड़े सैन्य आक्रमण की शुरुआत की है, जिसने असद सरकार की कई महत्वपूर्ण रक्षा लाइनों को ध्वस्त कर दिया। इस आक्रमण ने सीरिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों जैसे अलेप्पो और इदलिब में विपक्षी समूहों को और अधिक मजबूती दी है। इस समय, सीरिया में संघर्ष केवल एक राजनीतिक युद्ध नहीं बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा का परिणाम भी है। रूस और ईरान का समर्थन कम हो रहा है, जबकि अमेरिका और पश्चिमी देशों का दबाव बढ़ रहा है। इस स्थिति के कारण सीरिया में एक नया संघर्ष आकार ले रहा है, जिसमें वैश्विक शक्तियाँ अपनी रणनीतियाँ और प्राथमिकताएँ बदल रही हैं।
साथ ही, इज़राइल और हिज़बुल्लाह के बीच बढ़ते संघर्ष ने सीरिया की स्थिति को और जटिल बना दिया है। इज़राइल और हिज़बुल्लाह के बीच तनाव बढ़ने के कारण सीरिया में एक नई रणनीतिक स्थिति बन रही है, जिससे युद्ध के परिणाम और अधिक अनिश्चित हो गए हैं। यह संघर्ष न केवल सीरिया के लिए, बल्कि पूरी मध्य-पूर्व क्षेत्र के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है।
अंतर्निहित समस्याएँ और समाधान की राह
सीरिया में युद्ध का कोई स्थायी समाधान अब तक नहीं निकला है। राजनीतिक समाधान की ओर कदम बढ़ाने के बजाय, सैन्य संघर्ष बढ़ते जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से राजनीतिक प्रक्रिया में रुचि की कमी ने केवल इस युद्ध को बढ़ावा दिया है। कई सीरियाई नागरिकों का मानना है कि सैन्य संघर्ष के जरिए अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करना अब एकमात्र विकल्प है, क्योंकि राजनीतिक प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की प्रगति नहीं हो रही है।
यदि यह संघर्ष जारी रहा, तो इसके परिणामस्वरूप सीरिया में एक स्थायी अशांति बनी रहेगी। ऐसे में, यह महत्वपूर्ण है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय एक साझा रणनीति पर काम करे, ताकि इस युद्ध का अंत हो सके और सीरिया में स्थिरता लाने के लिए राजनीतिक समाधान प्राप्त किया जा सके।
सीरिया का संकट अब तक 13 वर्षों से जारी है और इसकी जटिलता समय के साथ बढ़ी है। अब यह केवल एक युद्ध नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति और क्षेत्रीय शक्तियों के बीच एक संघर्ष बन चुका है। युद्ध की स्थिति में किसी भी प्रकार का स्थिर समाधान हासिल करना कठिन हो गया है। इसके बावजूद, एक स्थिर राजनीतिक प्रक्रिया की आवश्यकता है, जो भविष्य में सीरिया को स्थिरता प्रदान कर सके और नागरिकों के लिए सुरक्षा का मार्ग प्रशस्त कर सके।