नई दिल्ली I विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने नए साल के शुरुआती तीन कारोबारी सत्रों में भारतीय इक्विटी बाजार में 4,285 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है। नेशनल सेक्यूरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, 2025 के पहले दिन एफपीआई ने 5,351 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की, जो इस साल की सबसे बड़ी दैनिक बिकवाली रही।
दिसंबर में सकारात्मक निवेश के बाद आई गिरावट
दिसंबर 2024 में एफपीआई ने 15,446 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था, लेकिन पूरे साल में खरीदारी में 99% की भारी गिरावट दर्ज की गई। भारतीय इक्विटी बाजार में जीडीपी के अनुपात में उच्च मार्केट कैप, वृद्धि दर में कमी और कंपनियों की आय में गिरावट जैसी घरेलू चुनौतियों के कारण एफपीआई का रुझान कमजोर हुआ है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था का प्रभाव
अमेरिकी बाजारों में मजबूती, उच्च ब्याज दरें, और शेयर बाजार की स्थिरता ने निवेशकों को भारतीय बाजार के मुकाबले अमेरिकी बॉन्ड्स और मुद्रा बाजार की ओर आकर्षित किया। भारतीय बाजार के ऊंचे मूल्यांकन ने भी एफपीआई की बिकवाली को बढ़ावा दिया।
विदेशी निवेश को बनाए रखने की चुनौतियां
एफपीआई की यह बिकवाली वैश्विक और घरेलू आर्थिक चुनौतियों के बीच उनके सतर्क रुख को दर्शाती है। भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक निवेश आकर्षित करने के लिए इन चुनौतियों का समाधान निकालना होगा। निवेशकों का भरोसा वापस लाने के लिए औद्योगिक उत्पादन और कंपनियों की आय में सुधार जरूरी है।
विश्लेषकों का मानना है कि 2025 के पहले तिमाही में बाजार में अस्थिरता जारी रह सकती है। विदेशी निवेशकों का ध्यान खींचने के लिए मजबूत नीतियों और आर्थिक स्थिरता पर ध्यान देना आवश्यक होगा।