78th Independence Day 2025: 15 अगस्त 2025 को भारत अपने स्वतंत्रता के 78वें वर्षगांठ का उत्साहपूर्ण उत्सव मना रहा है। यह दिन न केवल हमारी आजादी की याद दिलाता है, बल्कि उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और उनके जोशीले नारों को भी सलाम करता है, जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ देशवासियों को एकजुट किया।
इन नारों ने न सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम को गति दी, बल्कि आज भी ये देशभक्ति की भावना को जीवित रखते हैं। स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों और अन्य संस्थानों में आयोजित होने वाले Independence Day पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में इन नारों की गूंज माहौल को और भी जीवंत बनाती है। आइए, इस स्वतंत्रता दिवस पर उन अमर नारों को याद करें, जो आज भी हर भारतीय के दिल में जोश भर देते हैं।

स्वतंत्रता संग्राम के अमर नारे
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हमारे वीर सेनानियों ने जो नारे दिए, वे केवल शब्द नहीं थे, बल्कि एक क्रांति की आवाज थे। इन नारों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ एकजुट होने का साहस दिया। नीचे कुछ ऐसे मशहूर नारे दिए गए हैं, जिन्हें आप अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण या कार्यक्रमों में शामिल कर माहौल को देशभक्ति से सराबोर कर सकते हैं:
- वंदे मातरम्
यह नारा बंकिमचंद्र चटर्जी ने अपने उपन्यास आनंदमठ में दिया था। यह नारा स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बन गया और आज भी यह देशभक्ति की भावना को जागृत करता है। इसे गाते हुए लाखों लोगों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। - सत्यमेव जयते
पंडित मदनमोहन मालवीय द्वारा दिया गया यह नारा सत्य की जीत का प्रतीक है। यह भारत के राष्ट्रीय चिह्न का भी हिस्सा है और हर भारतीय को सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। - इंकलाब जिंदाबाद
क्रांतिकारी भगत सिंह का यह नारा आज भी युवाओं के दिलों में क्रांति की चिंगारी जलाता है। इस नारे ने स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा भरी और लोगों को विद्रोह के लिए प्रेरित किया। - तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का यह नारा आजादी की लड़ाई में एक मील का पत्थर साबित हुआ। इसने युवाओं को बलिदान के लिए प्रेरित किया और आजाद हिंद फौज की रीढ़ बना। - जय हिंद
नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा दिया गया यह नारा आज भी हर भारतीय की जुबान पर है। यह नारा एकता और देशभक्ति का प्रतीक बन चुका है। - स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का यह नारा स्वराज की मांग को बुलंद करता है। इसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनता को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। - सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
अल्लामा इकबाल की यह पंक्तियाँ देश के प्रति प्रेम और गर्व को दर्शाती हैं। यह नारा आज भी देशवासियों में एकता और गौरव की भावना जगाता है। - सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
रामप्रसाद बिस्मिल का यह नारा क्रांतिकारियों के जोश और जुनून का प्रतीक है। इस नारे ने कई युवाओं को बलिदान के लिए प्रेरित किया। - आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे
चंद्रशेखर आजाद का यह नारा उनकी अडिग निष्ठा और स्वतंत्रता के प्रति समर्पण को दर्शाता है। यह आज भी हमें आजादी की कीमत याद दिलाता है। - आराम हराम है
जवाहरलाल नेहरू का यह नारा मेहनत और समर्पण का संदेश देता है। यह देशवासियों को निरंतर प्रगति के लिए प्रेरित करता है। - बम और पिस्तौल क्रांति नहीं लाते, क्रांति की तलवार विचारों की धार पर तेज की जाती है
भगत सिंह का यह नारा क्रांति के लिए विचारों की शक्ति को रेखांकित करता है। यह युवाओं को वैचारिक क्रांति के लिए प्रेरित करता है। - विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा
श्याम लाल गुप्ता की यह पंक्तियाँ तिरंगे के प्रति सम्मान और गर्व को व्यक्त करती हैं। यह गीत आज भी हर भारतीय के दिल को छूता है। - दुश्मनों की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद हैं, आजाद ही रहेंगे
चंद्रशेखर आजाद का यह नारा उनकी निर्भीकता और देशभक्ति का प्रतीक है। यह आज भी हमें साहस और दृढ़ता का पाठ पढ़ाता है। - अब भी जिसका खून न खौला, खून नहीं वो पानी है
चंद्रशेखर आजाद का यह नारा युवाओं में देश के प्रति जिम्मेदारी और जोश की भावना जगाता है। - इंकलाब का नारा है, हिंदुस्तान हमारा है
यह नारा देश के स्वामित्व और स्वतंत्रता की भावना को दर्शाता है। - तिरंगा हमारी शान है, हम भारतीयों का मान है
यह नारा तिरंगे के प्रति सम्मान और देश के गौरव को व्यक्त करता है। - जय जवान, जय किसान
लाल बहादुर शास्त्री का यह नारा जवानों और किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। - जब-जब देश पर संकट आया, मां भारती की सेवा में आजादी के मतवालों ने अपना शीश नवाया
यह नारा शहीदों के बलिदान को श्रद्धांजलि देता है। - ऋण है शहीदों का मगर, कैसे इसे चुकाएंगे, लहू की जब तक बूंद है, तिरंगा हम फहरायेंगे
यह नारा शहीदों के प्रति कृतज्ञता और तिरंगे के सम्मान को दर्शाता है। - दिल से मर कर भी ना निकलेगा वतन की उल्फत, मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी
यह नारा देश के प्रति अटूट प्रेम और समर्पण को व्यक्त करता है।

स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर इन नारों का महत्व
इन नारों का महत्व केवल स्वतंत्रता संग्राम तक सीमित नहीं है। आज भी ये नारे देशवासियों में जोश, एकता और देशभक्ति की भावना को जागृत करते हैं। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में आयोजित होने वाले भाषणों, कविताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में इन नारों का प्रयोग माहौल को और भी उत्साहपूर्ण बनाता है। ये नारे हमें न केवल हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाते हैं, बल्कि हमें देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी अहसास कराते हैं।

जय हिंद! जय भारत!