वाराणसी। प्रख्यात साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल का शनिवार सुबह निधन हो गया। 80 करोड़ की संपत्ति के मालिक खंडेलवाल ने करीब 400 किताबें लिखीं और साहित्य जगत में अपनी पहचान बनाई। बावजूद इसके, परिवार ने उन्हें अकेला छोड़ दिया था। खंडेलवाल पिछले नौ महीने से काशी कुष्ठ सेवा संघ वृद्धाश्रम में रह रहे थे।
खंडेलवाल का 25 दिसंबर को सीने में जकड़न और किडनी की समस्या के चलते दीर्घायु अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार सुबह 8 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। केयरटेकर रमेशचंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि निधन की सूचना उनके बेटे और बेटी को दी गई, लेकिन दोनों ने आने से इनकार कर दिया।
निधन के बाद खंडेलवाल के परिवार से कोई अस्पताल नहीं पहुंचा। उनके करीबी अमन कबीर ने दोस्तों के साथ मिलकर अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी संभाली। अमन ने बताया कि खंडेलवाल का बेटा बड़ा व्यवसायी है और बेटी सुप्रीम कोर्ट की वकील। बावजूद इसके, दोनों ने अपने पिता से संबंध तोड़ लिए थे।

खंडेलवाल ने कहा था कि पुराना सब कुछ खत्म कर दिया है। अब मैं नया खंडेलवाल हूं, जो सिर्फ लिखता है। उन्होंने बताया था कि उनके बेटे और बेटी ने संपत्ति हड़पने के लिए उन्हें घर से निकाल दिया था। खंडेलवाल के अंतिम संस्कार के दौरान अमन कबीर और अजय कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी और पिंडदान किया। साहित्यकार के निधन ने काशी के साहित्य जगत को शोकाकुल कर दिया, वहीं उनके परिवार के व्यवहार ने लोगों को झकझोर कर रख दिया।