महाकुंभ 2025 का शुभारंभ: त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं का महामिलन

प्रयागराज I प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के तट पर 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ 2025 का सोमवार से भव्य आगाज हो गया है। समुद्र मंथन के दौरान अमृत की बूंदों से आरंभ हुई कुंभ स्नान की परंपरा में पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। यह आयोजन 26 फरवरी तक चलेगा।

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श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी

त्रिवेणी संगम पर हजारों श्रद्धालु आधी रात से ही स्नान के लिए जुटे थे। संगम पर डुबकी लगाने के साथ उन्होंने अपने परिवार और समाज के कल्याण के लिए प्रार्थना की। संगम पर आस्था और आध्यात्मिकता का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है।

महामंडलेश्वर का संदेश: जल हमारी संस्कृति का पर्याय

जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने इस अवसर पर कहा कि जल हमारी सनातन संस्कृति का आधार है। जल में जीवनदायी गुण हैं और देवताओं का अस्तित्व भी जल से है। महाकुंभ में स्नान और अनुष्ठान करने का महत्व अतुलनीय है।

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विदेशी श्रद्धालु भी पहुंचे महाकुंभ

महाकुंभ की ख्याति दुनियाभर में है। रूस से आई एक श्रद्धालु ने कहा, “मेरा भारत महान। भारत का असली स्वरूप कुंभ मेले में देखने को मिलता है। यहां की संस्कृति और शक्ति अद्वितीय है। मुझे भारत से गहरा लगाव है।”

संगम पर बढ़ रही है श्रद्धालुओं की भीड़

पौष पूर्णिमा के पहले स्नान के लिए संगम पर श्रद्धालुओं का तांता लग गया है। रातभर से कतारों में खड़े भक्त संगम की ओर बढ़ रहे हैं। प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।

महाकुंभ 2025 का महत्व

यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। महाकुंभ में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति और पापों से मुक्ति का विश्वास है। श्रद्धालु यहां मानव जीवन के अर्थ और सार को खोजने आते हैं।

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