जम्मू कश्मीर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कश्मीर में जेड मोड़ टनल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे। यह टनल लद्दाख आने-जाने को पहले से अधिक सुगम बनाएगी। इसके साथ ही यह सुरंग भारतीय सेना के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर जनता को संबोधित करते हुए कहा, “कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले श्रमिकों ने अपने जीवन को जोखिम में डालकर भी इसे पूरा किया। हमने इस परियोजना के दौरान सात साथियों को खो दिया, लेकिन उनकी समर्पित भावना को मैं नमन करता हूं। मेरे श्रमिक साथी हर चुनौती का सामना कर इस कार्य को अंजाम तक ले गए।”
कश्मीर के पुराने दिनों को किया याद
प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर में बिताए अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, “यहां की बर्फ से ढकी खूबसूरत पहाड़ियां और मौसम दिल को सुकून देते हैं। दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने यहां की तस्वीरें साझा की थीं, जिन्हें देखकर यहां आने की मेरी उत्सुकता और बढ़ गई। मुझे यहां का रिश्ता वर्षों पुराना लगता है। जब मैं भारतीय जनता पार्टी के संगठन में काम करता था, तब यहां अक्सर आता था।”
उन्होंने आगे कहा, “इस क्षेत्र में मैंने काफी समय बिताया है। सोनमर्ग, गुलमर्ग, गांदरबल, बारामुल्ला जैसे स्थानों पर हम घंटों पैदल चलते थे। बर्फबारी के बावजूद यहां के लोगों की गर्मजोशी से ठंडक का एहसास ही नहीं होता था। आज का दिन बेहद खास है। देशभर में उत्सव का माहौल है। प्रयागराज में महाकुंभ आरंभ हो चुका है, लोहड़ी और मकर संक्रांति जैसे त्योहारों का समय है। मैं इन सभी उत्सवों पर लोगों की मंगलकामनाएं करता हूं।”
टनल के महत्व पर जोर
प्रधानमंत्री ने इस परियोजना की उपयोगिता पर जोर देते हुए कहा, “आज मैं एक सेवक के रूप में आपके लिए एक और सौगात लेकर आया हूं। हाल ही में जम्मू में रेल डिवीजन का शिलान्यास किया गया और आज सोनमर्ग टनल आपको समर्पित कर रहा हूं। यह टनल लद्दाख के साथ-साथ करगिल और लेह के लोगों के जीवन को भी सरल बनाएगी। बारिश और बर्फबारी के कारण जो रास्ते बंद हो जाते थे, उनकी परेशानी अब कम होगी।

2015 में हमारी सरकार के दौरान इस टनल का वास्तविक निर्माण कार्य शुरू हुआ था, और आज इसका काम हमारी ही सरकार में पूरा हुआ है। मेरा हमेशा से मंत्र रहा है कि जिस कार्य की शुरुआत हम करेंगे, उसका समापन भी हम करेंगे। यह टनल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की वर्षों पुरानी मांग थी, जिसे हमने पूरा किया।”
प्रधानमंत्री के इस संबोधन ने न केवल कश्मीर के लोगों को उत्साहित किया, बल्कि देशभर में इस परियोजना की प्रशंसा हो रही है।