वाराणसी: भिक्षावृत्ति मुक्त काशी अभियान के अंतर्गत सोमवार को दशाश्वमेध घाट और गोदौलिया चौराहा के आसपास सघन अभियान चलाया गया। जिला समाज कल्याण अधिकारी गिरीश चंद दुबे के नेतृत्व में इस अभियान को अंजाम दिया गया। अभियान में समाज कल्याण विभाग, चाइल्ड लाइन, पुलिस बल, नगर निगम और अन्य संबंधित विभागों की टीम ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।
अभियान के दौरान क्या हुआ?
अभियान के दौरान कुल 13 भिक्षुकों को रेस्क्यू किया गया। इनमें से 10 वयस्क भिक्षुकों को अपना घर आश्रम भेजा गया, जबकि 3 बाल भिक्षुकों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
सुधार और पुनर्वास पर जोर
पकड़े गए भिक्षुकों को उनके आचार-विचार और व्यवहार में सुधार लाने के साथ कौशल विकास के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद ही उन्हें छोड़ा जाएगा। बाल भिक्षुकों को बालगृह में रखा जाएगा और उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूली शिक्षा में पंजीकरण कराया जाएगा।
सरकारी योजनाओं से जुड़ाव
सरकार द्वारा संचालित लाभकारी योजनाओं से इन भिक्षुकों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा ताकि उन्हें भिक्षावृत्ति से बाहर निकालकर आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
अभियान में अनिल कुमार (अधीक्षक, समाज कल्याण), निरूपमा सिंह (बाल कल्याण अधिकारी), धर्मेश कुमार सरोज, आनंद कुमार मौर्य (पर्यवेक्षक, समाज कल्याण), विभा यादव (बाल कल्याण पुलिस अधिकारी) और अन्य सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के संकल्प की दिशा में एक सराहनीय कदम है।