नई दिल्ली I सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम अपनी पत्नी जेन युमिको इट्टोगी के साथ पांच दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उनका औपचारिक स्वागत किया गया। यह यात्रा भारत और सिंगापुर के बीच कूटनीतिक संबंधों के 60 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में हो रही है। इस दौरे का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत करना है।
भारत और सिंगापुर का बढ़ता रिश्ता
राष्ट्रपति थर्मन ने कहा, “हम यह कभी नहीं भूल सकते कि भारत 1965 में सिंगापुर की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। तब से हमारा रिश्ता बढ़ता चला गया है। यह साझेदारी दोनों देशों के लिए स्वाभाविक है।”
व्यापार और निवेश में मजबूती
थर्मन ने बताया कि सिंगापुर लंबे समय से भारत में सबसे बड़ा निवेशक रहा है। उन्होंने कहा, “हमने ऐसे तरीकों से सहयोग बढ़ाया है, जो दोनों देशों के लिए लाभदायक हैं। हमारे रक्षा और कौशल विकास संबंध भी लगातार मजबूत हो रहे हैं। अब हम नई पहलों की तलाश कर रहे हैं।”
डाटा और नवीकरणीय ऊर्जा गलियारा
थर्मन ने गिफ्ट सिटी और सिंगापुर के बीच डेटा कॉरिडोर की संभावना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह पहल दोनों देशों के वित्तीय संस्थानों को सुरक्षित आधार पर डेटा साझा करने में मदद करेगी। इसके अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भी भारत-सिंगापुर के बीच गलियारे की संभावनाएं तलाशने पर जोर दिया गया।
पूर्वी भारत पर विशेष ध्यान
थर्मन ने कहा कि भारत के पूर्वी राज्यों में विकास की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने ओडिशा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “ओडिशा के लिए भारत की उच्च महत्वाकांक्षाएं हैं। मुझे उम्मीद है कि हम इन क्षेत्रों में बेहतर सहयोग कर पाएंगे।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सिंगापुर यात्रा के दौरान घोषित समग्र रणनीतिक साझेदारी के तहत दोनों देशों ने आपसी सहयोग को नई दिशा देने पर सहमति जताई। थर्मन ने विश्वास जताया कि यह साझेदारी आने वाले समय में और मजबूत होगी।