नई दिल्ली I आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में भारतीय रेलवे के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में 15-20% की बढ़ोतरी की संभावना है। इस वृद्धि का मुख्य उद्देश्य आधुनिक रेलवे स्टेशन, नई पीढ़ी की ट्रेनों की शुरुआत और ट्रैक नेटवर्क पर भार कम करना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2026 को बजट पेश करें गी, जिसमें रेलवे को लेकर कई बड़े एलान हो सकते हैं।
कैपेक्स में होगी बढ़ोतरी
रेलवे से जुड़े सूत्रों के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष के ₹2.65 लाख करोड़ के आवंटन में से अब तक 80% खर्च हो चुका है। रेलवे बोर्ड ने वर्ष समाप्त होने तक पूरा लक्ष्य हासिल करने का दावा किया है। इस आधार पर, अगले वित्तीय वर्ष में पूंजीगत व्यय को ₹3 लाख करोड़ से अधिक बढ़ाए जाने की उम्मीद है।
बुलेट ट्रेन और बुनियादी ढांचे पर जोर
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (बुलेट ट्रेन) के लिए बजट आवंटन बढ़ाया जा सकता है। सरकार इस परियोजना को गति देने के लिए अगले वर्ष 21,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, ट्रैक अपग्रेडेशन, रोलिंग स्टॉक खरीद और विद्युतीकरण पर भी जोर रहेगा।
पीपीपी मॉडल के तहत निवेश
सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत रेलवे में निवेश को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है। चालू वित्तीय वर्ष में पीपीपी के तहत 10,000 करोड़ रुपये खर्च का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 90% खर्च मध्य जनवरी तक पूरा हो चुका है।
यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं
आने वाले बजट में वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की शुरुआत की घोषणा हो सकती है। इसके अलावा, नई लाइनों, ट्रैक दोहरीकरण और सुरक्षा से जुड़े कार्यों पर आवंटन बढ़ाने की योजना है। देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्तीय वर्ष में 6.4% रहने का अनुमान है। ऐसे में रेलवे जैसे बड़े बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निवेश बढ़ाकर सरकार आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना चाहती है।