महाकुंभ 2025 में डिजिटल बाबा का अनोखा अंदाज: संन्यास और तकनीक का अनूठा मेल

प्रयागराज I महाकुंभ 2025 में पारंपरिक संतों और तपस्वियों के बीच एक नाम खास चर्चा का विषय बना हुआ है – स्वामी राम शंकर महाराज, जिन्हें लोग ‘डिजिटल बाबा’ के नाम से जानते हैं। आध्यात्मिकता को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ते हुए, डिजिटल बाबा ने महाकुंभ में अपनी अलग पहचान बनाई है।

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पारंपरिक संतों की छवि से हटकर, डिजिटल बाबा अपने साथ एप्पल iPhone 16 Max Pro, MacBook Pro M4 Max, ट्राइपॉड और Rode वायरलेस माइक्रोफोन लेकर चलते हैं। सोशल मीडिया पर उनकी लोकप्रियता भी शानदार है, जहां उनके फेसबुक पर 3.36 लाख फॉलोअर्स और यूट्यूब पर 29.6 हजार सब्सक्राइबर्स हैं। महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में उनकी उपस्थिति और डिजिटल शैली लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गई है।


डिजिटल बाबा की अनोखी विशेषताएं
डिजिटल बाबा की खासियत उनकी आध्यात्मिकता के प्रचार की नई सोच में है। 37 वर्षीय स्वामी राम शंकर महाराज न केवल सनातन धर्म का प्रचार करते हैं, बल्कि महाकुंभ में हो रही गतिविधियों और सुविधाओं की जानकारी भी साझा करते हैं।
हाल ही में, उन्होंने 12 जनवरी को फेसबुक पर एक वीडियो साझा किया जिसमें महाकुंभ में उपलब्ध आवास विकल्पों की जानकारी दी गई थी। इस वीडियो पर 200 से अधिक प्रतिक्रियाएं आईं, जहां लोगों ने उनके प्रयासों की सराहना की और इस प्रकार की जानकारी साझा करते रहने के लिए प्रेरित किया।

डिजिटल बाबा की डिजिटल यात्रा 2019 में शुरू हुई जब उन्होंने अपना पहला iPhone खरीदा। 2008 में संन्यास लेने के बाद, उन्होंने एक शाम फेसबुक पर अकाउंट बनाया और सोशल मीडिया को एक बड़ा मंच मानते हुए वीडियो और सामग्री के जरिए लोगों से जुड़ने का निर्णय लिया।


डिजिटल बाबा का महाकुंभ 2025 में योगदान
गोरखपुर के रहने वाले स्वामी राम शंकर महाराज ने 2008 में महंत स्वामी शिवचरन दास महाराज से अयोध्या के लोमश ऋषि आश्रम में दीक्षा ली। उसके बाद उन्होंने भारत के विभिन्न स्थानों पर आध्यात्मिक ग्रंथों जैसे उपनिषद, भगवद गीता और रामायण का अध्ययन किया। साथ ही, खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय से संगीत में प्रशिक्षण भी लिया।

2017 से हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ धाम में रहने वाले डिजिटल बाबा वेदांत पर प्रवचन देते हैं और युवाओं को आध्यात्मिकता से जोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। उनके अनुसार, “आज का समय डिजिटल युग है। हमें इस युग में लोगों तक पहुंचने के लिए डिजिटल दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। यही कारण है कि मैं महाकुंभ को अपने युवा अनुयायियों के लिए कवर कर रहा हूं ताकि उन्हें सनातन धर्म की ताकत का एहसास हो सके, जिसने संगम के तट पर दुनिया भर के लोगों को इकट्ठा किया है।”


डिजिटल बाबा का प्रेरणादायक जीवन
डिजिटल बाबा का जीवन प्रेरणादायक है। गोरखपुर से ताल्लुक रखने वाले राम शंकर ने 20 वर्ष की आयु में आध्यात्मिकता का मार्ग चुना। वह एनसीसी कैडेट भी थे और थिएटर में गहरी रुचि रखते थे। उनका सपना था कि वह फिल्मों में काम करें, लेकिन उन्होंने संन्यास का मार्ग अपनाया। वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रेरित हैं, जो स्वयं गोरखपुर से हैं।

डिजिटल बाबा महाकुंभ में आध्यात्मिकता के साथ आधुनिकता का अनूठा संगम प्रस्तुत कर रहे हैं। उनकी यह पहल नई पीढ़ी को धर्म और संस्कृति से जोड़ने का एक प्रभावी माध्यम बन रही है। उनकी कहानी न केवल प्रेरणा देती है बल्कि यह संदेश भी देती है कि आध्यात्मिकता को समय के साथ ढाला जा सकता है।

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