वाराणसी I वाराणसी के रामनगर की रहने वाली डॉ अंगिका कुशवाहा को संत कबीर राज्य हथकरघा योजना के तहत प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह पुरस्कार स्टोल, गमछा, स्कार्फ और अन्य श्रेणी में मिला है। डॉ अंगिका अपने पिता अमरेश कुशवाहा के साथ पारंपरिक बुनकारी के काम को संभालती हैं और पाइन एपल के पौधों के रेशों से कपड़ा बनाने में पीएचडी कर चुकी हैं।
यह पुरस्कार उन्हें लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में आयोजित एक रंगारंग कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया। इस अवसर पर डॉ अंगिका ने कहा कि यह पुरस्कार काशी की बुनकारी को एक नई पहचान और मनोबल प्रदान करेगा और हमारा लक्ष्य इसे फिर से उस मुकाम पर ले जाना है, जहां यह एक समय था।
इसके अलावा, काशी के कुतबुद्दीन अंसारी को साड़ी ब्रोकेड और ड्रेस मैटेरियल में राज्य स्तर पर तीसरा स्थान मिला। हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग विभाग, वाराणसी परिक्षेत्र के सहायक आयुक्त अरुण कुमार कुरील ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि यह काशी और वाराणसी मंडल के लिए गर्व का विषय है।
डॉ अंगिका ने अपनी सफलता के पीछे अपने पिता अमरेश कुशवाहा का मार्गदर्शन बताया और कहा कि वे हर दिन अपने पिता को देखते हुए बुनकारी को और आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।
