नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री के चीन दौरे के दौरान कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने और दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवा की पहल हुई है। हालांकि, कांग्रेस ने इन घटनाक्रमों पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह देश को यह स्पष्ट नहीं कर रही कि चीन के साथ संबंध सामान्य करने का यह समय क्यों चुना गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर छह अहम सवाल उठाए हैं, जिनका जवाब प्रधानमंत्री मोदी से मांगा गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर भारत-चीन संबंधों को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत-चीन के असामान्य संबंधों को ‘सामान्य’ बनाने की कोशिशों पर मोदी सरकार को इन सवालों का जवाब देना होगा। उनके सवाल निम्नलिखित हैं :-
- क्या भारतीय सैनिक देपसांग में बॉटलनेक जंक्शन से आगे के पांच पेट्रोलिंग प्वाइंट्स तक पेट्रोलिंग कर सकेंगे, जैसा वे पहले करते थे?
- क्या भारतीय सैनिक डेमचोक के उन तीन पेट्रोलिंग प्वाइंट्स तक जा पाएंगे, जो पिछले चार सालों से हमारी पहुंच से बाहर हैं?
- क्या भारतीय सैनिक पैंगोंग त्सो झील में फिंगर 3 से आगे फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग कर पाएंगे, जैसा वे पहले करते थे?
- क्या गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में उन तीन पेट्रोलिंग प्वाइंट्स तक हमारी टीम को जाने दिया जाएगा?
- क्या चुशूल क्षेत्र में भारतीय पशुपालकों को उनके पारंपरिक चरागाहों तक पहुंचने का अधिकार वापस मिलेगा?
- क्या “बफर जोन” में शामिल वे क्षेत्र, जो चीन को सौंपे गए थे, अब अतीत की बात होंगे, जिसमें रेजांग ला में परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह का स्मारक भी शामिल है?
कांग्रेस ने सवाल किया है कि मोदी सरकार चीन के साथ इस तरह के समझौते करने से पहले देश को संतोषजनक जवाब क्यों नहीं दे रही। उन्होंने यह भी कहा कि चीन के साथ उदार वीजा नीति और सीधी हवाई सेवा जैसे कदमों पर सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
