प्रयागराज के संगम तट पर मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, लेकिन अचानक भगदड़ मचने से हाहाकार मच गया। देर रात करीब 2 बजे फैली अफरातफरी में 17 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य श्रद्धालु बेहोश हो गए। हादसे के बाद पूरे महाकुंभ में शोक की लहर दौड़ गई।
प्रशासन सतर्क, सेना और एनएसजी ने मोर्चा संभाला
घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए 50 से अधिक एंबुलेंस तैनात की गईं, जबकि कुछ को मोटरसाइकिल के जरिए भी चिकित्सा केंद्र तक पहुंचाया गया। स्थिति बिगड़ती देख सेना और एनएसजी के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया और राहत कार्य शुरू किया।
अखाड़ों ने रोका अमृत स्नान, संतों की चिंता बढ़ी
महानिर्वाणी और निरंजनी अखाड़ों ने भगदड़ के मद्देनजर अमृत स्नान को स्थगित कर दिया। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, संतजन स्नान के लिए आगे नहीं बढ़ेंगे।
पीएम मोदी ने योगी से की बातचीत, अफवाहों से बचने की अपील
हादसे की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से घटना की विस्तृत जानकारी ली। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
संगम तट पर बेहोश पड़े श्रद्धालु, अफरा-तफरी का माहौल
घटनास्थल से सामने आए वीडियो में देखा गया कि कई महिलाएं और बच्चे भी इस हादसे की चपेट में आ गए। कुछ श्रद्धालु बेहोश होकर गिर पड़े, जिन्हें पुलिस और स्वयंसेवकों ने तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई।

धार्मिक समागम में हादसा, श्रद्धालुओं में भय और गम
जहां महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु पुण्य लाभ के लिए पहुंचे थे, वहीं इस भगदड़ ने पूरे आयोजन को गमगीन बना दिया। श्रद्धालुओं के चेहरों पर भय स्पष्ट दिख रहा था। अब सवाल उठ रहा है कि क्या अखाड़े फिर से स्नान करेंगे या नहीं। फिलहाल प्रशासन हालात को नियंत्रण में लाने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है।