प्रयागराज। महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन संगम नोज पर भगदड़ मचने से कई लोग घायल हो गए और कुछ की मौत हो गई। घायल श्रद्धालुओं का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है। इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रात 1-2 बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर बैरिकेड्स लगाए गए थे, जिससे कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए और उन्हें तत्काल अस्पताल भेजा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु अभी भी महाकुंभ में मौजूद हैं और कल महाकुंभ में करीब 5.5 करोड़ लोगों ने स्नान किया। संगम नोज पर भारी दबाव बना हुआ है, और सीएम ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और जहां हैं वहीं स्नान करें।
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर चिंता व्यक्त की है और चार बार फोन किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और घटना की रिपोर्ट ले रहे हैं। लखनऊ में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक जारी है।
सीएम योगी ने कहा- प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में हालात अब नियंत्रण में हैं, हालांकि भीड़ का दबाव बहुत ज्यादा है। संतों से भी बात हुई है और उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि पहले श्रद्धालु स्नान करके बाहर निकल जाएं, इसके बाद ही वे स्नान के लिए संगम की तरफ जाएंगे। सभी अखाड़े इसके लिए सहमत हैं।
सीएम ने अपील की कि लोग संयम से काम लें और अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि महाकुंभ एक विशाल आयोजन है, जिसमें प्रशासन श्रद्धालुओं की सेवा में लगा हुआ है। उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि संगम नोज तक पहुंचने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अस्थायी घाट 15-20 किलोमीटर के दायरे में बनाए गए हैं, और श्रद्धालु जहां हैं, वहीं स्नान करें।
सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए पहले से किए गए थे इंतजाम
महाकुंभ में 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान था, जिसके चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के इंतजाम पहले ही कर दिए थे। सरकार ने सभी श्रद्धालुओं से घाटों को संगम के बराबर मानने की अपील की थी और किसी भी गलत सूचना से बचने की बात कही थी। पिछले 17 दिनों में महाकुंभ में 15 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम और घाटों पर पवित्र डुबकी लगाई है।