मौनी अमावस्या के बाद काशी में आस्था का सैलाब: 20 लाख श्रद्धालु पहुंचे, 26 ट्रेनें रद्द, 5 लाख यात्री फंसे; बाबा विश्वनाथ धाम के बाहर 5 किमी लंबी कतार

वाराणसी। महाकुंभ के प्रभाव के चलते वाराणसी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। इस समय शहर में 20 लाख से अधिक श्रद्धालु मौजूद हैं, जबकि ट्रेनों के निरस्त होने के कारण पांच लाख से अधिक यात्री वाराणसी में फंसे हुए हैं। ट्रेनों में जगह न मिलने के कारण ढाई लाख से अधिक लोगों की यात्रा स्थगित हो गई है।

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गुरुवार को वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे, जिन्हें रेलवे प्रशासन द्वारा होल्डिंग एरिया में रोका गया। उधर, काशी के विभिन्न घाटों पर लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान कर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। गोदौलिया से विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट से गंगा द्वार और चौक से विश्वनाथ मंदिर तक करीब 5 किलोमीटर लंबी लाइन लगी रही। बुधवार रात 1 बजे तक बाबा विश्वनाथ के दर्शन का सिलसिला जारी रहा और प्रशासन के अनुसार पट बंद होने तक करीब 5.50 लाख श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया।


प्रयागराज हादसे के बाद कई ट्रेनें रद्द, यात्री परेशान

प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान भगदड़ के बाद कई मेला स्पेशल ट्रेनों को रोक दिया गया, जिससे वाराणसी में हजारों यात्री फंस गए। 29 जनवरी को बनारस से चलने वाली 12559 बनारस-नई दिल्ली एक्सप्रेस, बलिया-नई दिल्ली एक्सप्रेस, गोरखपुर-कानपुर अनवरगंज एक्सप्रेस, 05004 गोरखपुर-झूसी कुम्भ विशेष, 05183 गोरखपुर-झूसी कुम्भ विशेष समेत कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं। इससे हजारों लोगों की यात्रा प्रभावित हुई और यात्री वाराणसी में ही फंसे रह गए।

प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा हुआ है, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक प्रबंधन के विशेष इंतजाम किए गए हैं।

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