प्रयागराज I कुंभ में भगदड़ की घटनाओं को लेकर संत समाज और श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सरकार पर भगदड़ की घटनाओं को छिपाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की है। परमधर्म संसद ने भी इस मुद्दे पर कड़ा बयान जारी किया है।
भगदड़ और सरकार की चुप्पी
परमधर्म संसद के अनुसार, मौनी अमावस्या से पहले 28-29 जनवरी की रात कुंभ क्षेत्र में कई जगह भगदड़ मच गई, जिससे श्रद्धालुओं की मौत हो गई। लेकिन 30 जनवरी तक सरकार इस पर चुप्पी साधे रही और इसे अफवाह करार दिया। संसद ने सरकार के इस रवैये को श्रद्धालुओं और संत समाज का अपमान बताया है।
संत समाज की तीखी प्रतिक्रिया
परमधर्म संसद ने घटना को “दुखद और मर्माहत करने वाला” बताया और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। संसद ने मांग की कि भगदड़ की घटनाओं की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। साथ ही, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भगदड़ को अफवाह बताने के बयान की आलोचना करते हुए इसे श्रद्धालुओं के साथ छल करार दिया।
लाल बहादुर शास्त्री और शिवराज पाटिल का उदाहरण
संत समाज ने अपने बयान में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल का उल्लेख किया। शास्त्री ने आंध्र प्रदेश में हुई रेल दुर्घटना के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था। वहीं, शिवराज पाटिल ने 26/11 मुंबई हमले के दौरान आलोचनाओं के चलते गृह मंत्री पद छोड़ा था। परमधर्म संसद ने भाजपा से मांग की कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पद से हटाया जाए और कुंभ के शेष दिनों के लिए एक सक्षम नेतृत्व दिया जाए, ताकि व्यवस्थाओं को ठीक से संभाला जा सके।
सरकार पर गंभीर सवाल
संत समाज और श्रद्धालु सरकार से नाराज हैं कि भगदड़ में मृतकों की संख्या को छिपाया गया और इसे अफवाह बताया गया। संसद ने सरकार से अपील की कि कुंभ क्षेत्र में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और आगे किसी भी हादसे को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।