मजबूत अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सॉवरेन AI

मिथिलेश कुमार पाण्डेय

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कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( Artificial Intelligence, AI) आजकल पुरे विश्व में चर्चा का विषय बना हुआ है I इसको लेकर दुनिया में वैचारिक ध्रुवीकरण स्पष्ट दृष्टिगोचर है I एक हिस्सा इसको लेकर काफी उत्साहित है तो दूसरा उतना ही सशंकित I AI दुनिया को भले ही न बदल पाये परन्तु दुनिया की कार्यशैली तो जरुर ही बदल देने की क्षमता रखता है I अभी AI अपने प्रारंभिक अवस्था में ही है, तभी इसने मनुष्य के कार्य को काफी आसान बना दिया है I

अब AI एक तकनीकी अभिलाषा नहीं है बल्कि नागरिक सशक्तिकरण और भविष्य निर्माण के लिए सर्वव्यापी, सर्वग्राही और समन्वय स्थापित करने वाला अन्वेषण है I चाहे शिक्षा हो, व्यापार, चिकित्सा, पठन पाठन, लेखन, अध्ययन अध्यापन, नागरिक सुरक्षा, देश की सीमाओं की सुरक्षा हर जगह पर AI ने कार्य निष्पादन की दिशा और दशा दोनों में अभूतपूर्व परिवर्तन किया है I सोचने समझने और भावनात्मक तार्किक निर्णय लेने की ईश्वर प्रदत्त क्षमता, जो मनुष्यों को प्राप्त है, वही ताकत अब मशीनों में डाली जारही है जिसके फलस्वरूप मशीन भी मनुष्यों की तरह निर्णय लेने लगेंगी और त्वरित गति से त्रुटिहीन निर्णय लेकर कार्य सम्पादित कर सकेंगे I

AI की निर्वाध व्यापकता और अपरिहार्यता पूरी दुनिया के लिए नयी चुनौती और नए अवसर लेकर खड़ी है | AI देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी अवसर या आपदा साबीत हो सकता है | AI के समुचित उपयोग से देश की आन्तरिक, वाह्य, सैन्य सुरक्षा को मजबूत बनाया जा सकता है और साथ ही साथ आर्थिकी को प्रतिकूल प्रभाव से बचाया जा सकता है I

सुलभ सघन संचार संसाधन ने दुनिया के प्रत्येक देश की अर्थव्यवस्था को संसार की भूराजनीतिक और आर्थिक गतिविधियों से प्रभावित किया है I विश्व के किसी भी कोने में होनेवाली घटना किसी न किसी रूप में विश्व अर्थव्यवस्था को जरुर प्रभावित करती है I आज जब AI तेजी से आगे बढ़ रही है तब यह अपरिहार्य हो जाता है कि परिवर्तन के साथ कदम से कदम मिला कर चला जाय I

प्रत्येक देश अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में “स्वदेश प्रथम” के स्वाभाविक सिद्धांत का पालन करते हैं और तेजी से मजबूत होते AI की स्थिति में यह नितांत आवश्यक हो जाता है कि देश या संस्था अपने आप को मजबूत बनाये ताकि किसी विषम परिस्थिति का मुकाबला सफलता पूर्वक किया जा सके । अतः सोवरन AI आज की जरुरत बन गयी है I

मजबूत अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सॉवरेन AI मजबूत अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सॉवरेन AI

आइये सोवरन AI के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर नजर डालते हैं :

1. सोवेरन AI को राष्ट्रीय AI या स्वायत्त AI भी कह सकते हैं I यह एक ऐसा दृष्टिकोण है जिसमें एक राष्ट्र या संस्थान अपने स्वयं के लिए AI सिस्टम के विकास, नियंत्रण और उपयोग पर जोर देता है I यह AI सिस्टम किसी अन्य देश या संस्थान पर निर्भर नहीं होते हैं और उनका संचालन राष्ट्रीय या संस्थागत हितों और मूल्यों के अनुसार होता है I

2. किसी देश की सुरक्षा के लिए सोवेरेन AI का सामरिक क्षेत्र में हथियारों के संचालन में, निगरानी प्रणाली, साइबर सुरक्षा आदि क्षेत्र में अत्यधिक महत्व है | अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, शासन, अनुसन्धान आदि क्षेत्र में इसका व्यापक महत्व है I

3. आजकल “डाटा” काफी महत्वपूर्ण हो गया है | सभी नीतिगत निर्णयों के लिए डाटा का उपयोग किया जाता है I अधिकृत और विश्वसनीय डाटा आजकल बहुत कीमती पूंजी हो गयी है | सोवेरेन AI के अभाव में डाटा निर्यात करके जानकारी आयात करना पड़ सकता है जोकि “ आटा निर्यात करके रोटी आयात करने जैसा होगा” I

4. अपने देश और नागरिकों के डाटा को दूसरे देश या संस्था से साझा करने में काफी खतरे है | गोपनीय डाटा का दुरूपयोग भी हो सकता है तथा व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता में नुकसान की संभावना बढ़ सकती है I

5. सोवेरेन AI के अभाव में राष्ट्रीय स्तर पर जोखिम काफी बढ़ जाता है जिसमे डाटा की सुरक्षा, तकनीकी निर्भरता, मूल्यों में टकराव, भूराजनीतिक जोखिम प्रमुख हैं | विकास के साथ विरासत की रक्षा भी खतरा हो जाता है I

6. एक मजबूत और सशक्त सोवेरेन AI के साथ देश राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती देने के अलावा आर्थिक विकास, सांस्कृतिक संरक्षण, स्वतंत्र निर्णय से विश्व स्तर पर अपनी धाक जमा सकने में समर्थ हो सकेगा I

7. सोवेरेन AI के राश्ते में चुनौतियां भी कम नहीं हैं I उच्च लागत, विशेषज्ञता की कमी, नैतिक चिंताएं, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग इत्यादि इसकी सफलता के मार्ग में अवरोध बनेंगे I

अभी तक दुनिया का कोई भी देश पूर्णतः सोवेरेन AI विकसित करने में सफल नहीं हुआ है परन्तु अमेरिका अपनी आर्थिक मजबूती, “R&D” बजट और विदेशी प्रतिभाओं को आकर्षित करने की क्षमता के कारण अग्रणी अवस्था में है I

चीन भी इस दिशा में तेजी से आगे कदम बढ़ाते हुए अमेरिकी वर्चस्व को चुनौती दे रहा है I भारत में भी इस दिशा में तत्परता दिखाई जा रही है I भारत जैसे विशाल देश, जो भाषाई और सांस्कृतिक विविधतायों से भरा है, जहाँ क्षेत्रीय स्तर पर आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य आदि में काफी भिन्नता है। क्षेत्रवार जन अपेक्षाएं अलग अलग है, जहाँ पर असंख्य भाषाएँ/ बोलियाँ बोली जाती हैं वहां पर कोई भी विदेशी AI इन सभी का ख्याल रख सके यह लगभग नामुमकिन है I

कमोवेश यह स्थिति अन्य देशों के साथ भी लागू होता है I अब समय आ गया कि भारत सोवेरेन AI विकसित करने की दिशा में तेजी और दृढ़ता से कदम बढ़ाये | भारत के पास प्रतिभा है, सोच है, प्रगतिशील मजबूत सरकार है I रणनीतिक निवेश और निर्णायक कदम उठा कर भारत को AI के वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने का समय बिता जा रहा है I

मजबूत AI में अपार आर्थिक सम्भावना व्याप्त है I अन्तर्राष्ट्रीय सलाहकार कंपनी PwC के मुख्य AI अधिकारी Joe Atkinson के अनुसार AI के माध्यम से अगले कुछ वर्षों में केवल भारत में लगभग 15 लाख करोड़ डॉलर के व्यापार संवर्धन की सम्भावना है I AI से व्यापार के नए मॉडल स्थापित होंगे I बड़े पैमाने पर उपलब्द्ध डाटा के सहारे ग्राहकों की पसंद के अनुसार उत्पाद प्रस्तुत करके कंपनियां व्यापार संवर्धन कर सकती हैं I पारंपरिक वितरण प्रणाली अब किसी भी समय अप्रासंगिक हो जाएंगी I अतः इस समय “ AI फर्स्ट “ के विचारधारा को आगे बढाकर ही सफलता की उम्मीद की जा सकती है I


(लेखक पूर्व सहायक महाप्रबंधक, बैंक ऑफ बड़ौदा एवं आर्थिक विश्लेषक हैं)

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