नई दिल्ली I दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए बुधवार को सिंगल फेज में मतदान होगा। चुनावी माहौल में जहां आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस आमने-सामने हैं, वहीं अन्य प्रमुख पार्टियाँ भी अपनी ताकत झोंक रही हैं। खास बात यह है कि लोकसभा चुनाव में INDIA ब्लॉक का हिस्सा रही पार्टियाँ इस बार अलग-अलग चुनावी मैदान में उतरी हैं, जिससे मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।
प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशी
इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा ने 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं और दो सीटें सहयोगी पार्टियों को दी हैं, जिनमें जनता दल-यूनाइटेड (JDU) और लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (LJP-R) शामिल हैं। अन्य पार्टियाँ भी चुनाव में उतरी हैं। जैसे, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने 6 सीटों पर, सीपीएम और CPI-ML ने 2-2 उम्मीदवार उतारे हैं। महाराष्ट्र की राजनीति को ध्यान में रखते हुए, भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना भी इस बार चुनावी मैदान में है, और भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है।
दागी उम्मीदवारों की संख्या
चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बार कुल 699 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनमें 19% यानी करीब 132 उम्मीदवार दागी हैं। इन दागी उम्मीदवारों में से 81 पर हत्या, बलात्कार, किडनैपिंग जैसे गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, 13 उम्मीदवार महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आरोपी हैं, जिससे चुनावी परिप्रेक्ष्य में एक नई चर्चा का माहौल बना है।
उम्मीदवारों की संपत्ति और शैक्षिक योग्यता
चुनाव में मैदान में उतरे उम्मीदवारों की संपत्ति और शैक्षिक योग्यता भी एक प्रमुख चर्चा का विषय है। 5 उम्मीदवारों के पास 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है, जिनमें से 3 भाजपा, 1 कांग्रेस और 1 AAP का है। भाजपा के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति करीब 22.90 करोड़ रुपये है, जो अन्य पार्टियों के मुकाबले ज्यादा है। इसके अलावा, 96 महिला उम्मीदवारों में से 28% उम्मीदवारों की उम्र 25 से 40 साल के बीच है, जबकि 15% उम्मीदवारों की उम्र 61 से 80 साल के बीच है।
दिल्ली के राजनीतिक समीकरण
दिल्ली विधानसभा चुनाव में 18% स्विंग वोटर्स का अहम योगदान रहने की संभावना है। स्विंग वोटर्स वे मतदाता होते हैं, जो चुनावी मुद्दों और परिस्थिति के आधार पर अपना वोट बदलते हैं। यह वोटर्स पिछले चुनावों में सत्ता के समीकरण को बदलने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। इस बार भी दिल्ली में स्विंग वोटर्स के मतों पर सभी प्रमुख दलों की नजरें लगी हुई हैं।
प्रमुख सीटों पर मुकाबला
दिल्ली में इस बार कई प्रमुख सीटों पर कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। इनमें नई दिल्ली, कालकाजी, जंगपुरा और पटपड़गंज प्रमुख हैं। नई दिल्ली सीट पर AAP के अरविंद केजरीवाल, भाजपा के प्रवेश वर्मा, और कांग्रेस के संदीप दीक्षित के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। कालकाजी सीट पर AAP की आतिशी, भाजपा के रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा के बीच कड़ी टक्कर है। वहीं जंगपुरा और पटपड़गंज सीटों पर भी मुकाबला रोचक बना हुआ है, जहाँ पार्टी के उम्मीदवार अपने-अपने दल को जीत दिलाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। यह चुनाव केवल दिल्ली की राजनीति ही नहीं, बल्कि पूरे देश के राजनीतिक परिदृश्य पर असर डालने वाले होंगे। सभी पार्टियाँ इस चुनाव को अपने-अपने लिए जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं, और चुनावी नतीजे यह तय करेंगे कि दिल्ली में आगामी दिनों में किसकी सरकार बनेगी।