काशी-तमिल संगमम 3.0: कांची मठ से सारनाथ तक होगा विशेष भ्रमण, मेहमानों की व्यवस्था संभालेंगी 15 समितियां

वाराणसी I काशी – तमिल संगम के तीसरे संस्करण का आयोजन 15 फरवरी से 24 फरवरी तक होगा। इस भव्य आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है। जिला प्रशासन और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की तैयारियों में जुट गए हैं।

सुविधा और सुरक्षा के लिए बनी 15 कमेटियां
काशी तमिल संगमम में आने वाले मेहमानों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 15 कमेटियों का गठन किया गया है। यह कमेटियां आगंतुकों के ठहरने, घूमने-फिरने और अन्य व्यवस्थाओं की देखरेख करेंगी।

स्वागत समिति को मिली बड़ी जिम्मेदारी
स्वागत और निमंत्रण संबंधी कार्यों की जिम्मेदारी एडीएम सिटी की अध्यक्षता में बनी व्यवस्थापन समिति को सौंपी गई है। यह समिति BHU के साथ समन्वय कर मेहमानों को एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन से होटल तक पहुंचाने का कार्य करेगी। इस समिति में अपर नगर आयुक्त, क्षेत्रीय सांस्कृतिक अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और उपनिदेशक पर्यटन समेत सात अधिकारी शामिल हैं।

मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था
एडीएम प्रोटोकॉल की अध्यक्षता में बनी अवस्थान समिति को मेहमानों को होटल तक सुरक्षित पहुंचाने, सुरक्षा प्रबंधन और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई है। मेहमानों को शहर के महत्वपूर्ण स्थानों की जानकारी देने के लिए महत्वपूर्ण संपर्क नंबरों की सूची भी दी जाएगी। होटल में फीडबैक रजिस्टर रखा जाएगा, जहां मेहमान अपनी समस्याएं या सुझाव दर्ज कर सकेंगे।

तमिल भाषा विशेषज्ञों की सहायता
मेहमानों को बेहतर अनुभव देने के लिए उन्हें विभिन्न ग्रुप में बांटा जाएगा और उनके साथ तमिल भाषा के जानकार अधिकारी तैनात किए जाएंगे। यह अधिकारी वाराणसी के मंदिरों और अन्य दर्शनीय स्थलों के दर्शन में मदद करेंगे।

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काशी के प्रमुख मंदिरों के दर्शन
आगंतुकों को काशी विश्वनाथ, अन्नपूर्णा मंदिर, विशालाक्षी मंदिर, अंगतेश्वर मंदिर समेत अन्य महत्वपूर्ण मंदिरों में दर्शन करवाए जाएंगे। मंदिरों में दर्शन व्यवस्था के लिए बनी समिति के अध्यक्ष काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र होंगे।

सारनाथ भ्रमण और लाइट एंड साउंड शो
संगमम के मेहमानों को सारनाथ भी ले जाया जाएगा, जहां वे लाइट एंड साउंड शो, संग्रहालय और धमेख स्तूप का भ्रमण करेंगे। इस समिति की जिम्मेदारी एडीएम सिविल सप्लाई को दी गई है, जिसमें पर्यटन विभाग, पुरातत्व विभाग और वीडीए के अधिकारी शामिल हैं।

कांची मठ का दौरा
तमिलनाडु से आने वाले मेहमानों को हनुमान घाट स्थित सुब्रमण्यम भारती के निवास स्थान कांची मठ भी ले जाया जाएगा। इस दौरान जल पुलिस, एनडीआरएफ, गोताखोर और मेडिकल टीम तैनात रहेगी।

मुख्य आयोजन नमो घाट पर
काशी तमिल संगमम का मुख्य आयोजन नमो घाट पर होगा। इस आयोजन की व्यवस्था एडीएम फाइनेंस वंदिता श्रीवास्तव को सौंपी गई है। नमो घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जिम्मेदारी जिला विद्यालय निरीक्षक और सीडीओ को दी गई है।

गंगा घाटों का क्रूज से दर्शन
संगमम के दौरान मेहमानों को क्रूज के जरिए गंगा घाटों का भ्रमण कराया जाएगा। इस दौरान जल पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और तमिल भाषा के जानकार गाइड मौजूद रहेंगे, जो घाटों के इतिहास की जानकारी देंगे।

हस्तकला संकुल का भ्रमण
दक्षिण भारत से आए मेहमानों को पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल, बड़ा लालपुर (TFC) भी ले जाया जाएगा। इस समिति का नेतृत्व सिटी मजिस्ट्रेट करेंगे। साथ ही, विदाई समारोह और रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी इस समिति को सौंपी गई है।

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परिवहन की जिम्मेदारी
परिवहन व्यवस्था की जिम्मेदारी एडीएम प्रशासन विपिन कुमार को दी गई है। आगंतुकों को लाने के लिए बस, पुलिस एस्कॉर्ट और रेलवे-एयरपोर्ट ट्रांसपोर्ट की समुचित व्यवस्था की गई है।

24 घंटे कंट्रोल रूम की सुविधा
काशी तमिल संगमम के दौरान जिला प्रशासन ने एक विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किया है, जो मेहमानों की हर सुविधा का ध्यान रखेगा। इसकी जिम्मेदारी डिप्टी कलेक्टर और आपदा प्रबंधन विभाग को दी गई है।

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