वाराणसी। मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र, शिक्षाशास्त्र विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा आयोजित मल्टीडिसिप्लीनरी रिफ्रेशर कोर्स के आठवें दिन बुधवार को दो सत्रों में विशेषज्ञों ने भारतीय ज्ञान प्रणाली और शिक्षा पर अपने विचार साझा किए।
प्रथम सत्र में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर के आचार्य सुनील कुमार सैन ने ‘बहुविषयक अनुसंधान में भारतीय ज्ञान प्रणाली की भूमिका’ विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने भारतीय सभ्यता की प्राचीनता और इसकी शाश्वत अवधारणाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि आयुर्वेद, योग, वेद और पारंपरिक शिल्प जैसी प्रणालियां हमारे सांस्कृतिक और दार्शनिक लोकाचार का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने आधुनिक अनुसंधान में भारतीय ज्ञान प्रणाली को जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।

द्वितीय सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. प्रवीण तिवारी ने ‘भारतीय परंपरा में विविध विषयों की शिक्षा’ विषय पर चर्चा की। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध आयामों को समझाते हुए आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक उपचार और पारंपरिक शिल्प की वैज्ञानिकता को रेखांकित किया।
इस अवसर पर शिक्षाशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र राम ने स्वागत किया। संचालन विनय सिंह ने किया, विद्वानों का परिचय प्रो. रमाकांत सिंह ने कराया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. कामेश सिंह ने किया।