IIT मद्रास ने पेश किया भारत का पहला कैंसर जीनोम डाटाबेस, शुरुआती लक्षणों की पहचान में करेगा मदद

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास ने भारत का पहला कैंसर जीनोम डाटाबेस ‘भारत कैंसर जीनोम एटलस’ लॉन्च किया है। यह पहल कैंसर रिसर्च में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में सहायक साबित हो सकती है। इसकी मदद से कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर बेहतर इलाज संभव हो सकेगा।

WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now

कैंसर रिसर्च में बड़ा कदम
IIT मद्रास के वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन इसके जीनोम पर अब तक अपेक्षित स्तर पर शोध नहीं हुआ है। इसके कारण भारत में पाए जाने वाले कैंसर के लक्षण दवाओं और जांच प्रक्रियाओं में शामिल नहीं हो पाते। यही वजह है कि न तो विशेष डायग्नोस्टिक किट विकसित हो पा रही हैं और न ही प्रभावी दवाओं का निर्माण संभव हो रहा है। इस चुनौती से निपटने के लिए IIT मद्रास ने 2020 में कैंसर जीनोम कार्यक्रम की शुरुआत की थी।

इस परियोजना के तहत देशभर में ब्रेस्ट कैंसर के 480 मरीजों के टिशू सैंपल का अध्ययन किया गया और 960 जीनों की एक्सोम इंडेक्सिंग पूरी की गई। यह डेटाबेस दुनियाभर के चिकित्सकों के लिए bcga.iitm.ac.in (https://bcga.iitm.ac.in) पर उपलब्ध है।

कैंसर के कारणों को समझने में मिलेगी मदद
IIT मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि के अनुसार यह एटलस कैंसर के कारणों को गहराई से समझने और इसके प्रारंभिक निदान एवं रोकथाम में मदद करेगा। यह डाटाबेस भारत में विभिन्न प्रकार के कैंसर से जुड़ी जीनोम जानकारी के अभाव को दूर करने में अहम भूमिका निभाएगा।

इस परियोजना से जुड़े प्रो. एस. महालिंगम ने बताया कि इससे डॉक्टरों को कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान करने, बीमारी की प्रगति समझने, हाई-रिस्क ग्रुप की पहचान करने, बेहतर इलाज की रणनीति तैयार करने और उपचार की प्रभावशीलता का आकलन करने में सहायता मिलेगी।

भारत में हर नौवें व्यक्ति को कैंसर का खतरा
कैंसर दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर नौवें व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होने की आशंका रहती है।

नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट बताती है कि भारत में 14,61,427 लोग कैंसर से जूझ रहे हैं और 2022 से इसमें 12.8% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है।

ब्रेस्ट कैंसर समेत अन्य कैंसर की जल्द पहचान संभव
वैज्ञानिकों का मानना है कि ‘भारत कैंसर जीनोम एटलस’ कैंसर से जुड़े विशिष्ट बायोमार्कर की पहचान में मदद करेगा। इसके जरिए ब्रेस्ट कैंसर समेत अन्य प्रकार के कैंसर का जल्द पता लगाया जा सकेगा, जिससे इलाज को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *