पंचगंगा घाट काशी के सबसे प्राचीन और पवित्र घाटों में से एक है। यह गंगा नदी के किनारे स्थित एक ऐतिहासिक घाट है, जो हिंदू धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र माना जाता है। इस घाट का उल्लेख कई पुराणों और ग्रंथों में मिलता है, जो इसकी आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्ता को दर्शाता है।
पंचगंगा घाट का नाम पांच पवित्र नदियों – गंगा, यमुना, सरस्वती, किरणा और धूतपाापा के संगम के कारण पड़ा। मान्यता है कि प्राचीन काल में ये पांचों नदियाँ इसी स्थान पर मिलती थीं, हालांकि वर्तमान में केवल गंगा नदी ही यहाँ प्रवाहित होती है। इस घाट से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कथा के अनुसार, महान संत तोताराम गिरी और संत एकनाथ ने यहाँ ध्यान साधना की थी। इसके अलावा, यह घाट अद्वैत वेदांत के प्रवर्तक आदि शंकराचार्य से भी जुड़ा हुआ है, जिन्होंने यहाँ भगवती अन्नपूर्णा का दर्शन किया था।

पंचगंगा घाट का ऐतिहासिक महत्व इस तथ्य से भी जुड़ा है कि यहाँ पहले बिंदु माधव मंदिर स्थित था, जो भगवान विष्णु को समर्पित था। किंतु 17वीं शताब्दी में मुगल शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया और उसकी जगह एक मस्जिद का निर्माण कराया, जिसे अलमगीर मस्जिद के नाम से जाना जाता है। हालांकि, आज भी यहाँ श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं और इसे हिंदू-मुस्लिम स्थापत्य कला का प्रतीक माना जाता है।

पंचगंगा घाट की विशेषताएँ :-
गुरु नानक की यात्रा – कहा जाता है कि सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरु नानक देव ने भी यहाँ प्रवास किया था, जिससे यह सिख समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण स्थान बन गया।
मणिकर्णिका घाट से निकटता – यह घाट वाराणसी के प्रमुख घाटों में से एक मणिकर्णिका घाट के समीप स्थित है, जिसे मोक्ष प्राप्ति का द्वार माना जाता है।

जानिए आखिर पंचगंगा घाट क्यों प्रसिद्ध है :-
- यह पाँच पवित्र नदियों के संगम का प्रतीक है, जिससे इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
- ऐतिहासिक रूप से यह कई महान संतों, ऋषियों और धार्मिक गुरुओं की साधना स्थली रहा है।
- यहाँ स्थित अलमगीर मस्जिद हिंदू और इस्लामी वास्तुकला का संगम प्रस्तुत करती है।
- पंचगंगा घाट का सुबह और शाम का दृश्य, विशेष रूप से गंगा आरती, पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

पंचगंगा घाट काशी के उन पवित्र स्थानों में से एक है, जो आध्यात्मिकता, इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का संगम प्रस्तुत करता है। यह घाट न केवल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व भी इसे एक विशिष्ट स्थान प्रदान करता है। यहाँ आकर भक्तगण आस्था, शांति और इतिहास का अनुभव करते हैं, जिससे यह स्थान काशी के सबसे महत्वपूर्ण घाटों में गिना जाता है।
