वाराणसी। माघी पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को काशी में हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। महाकुंभ स्नान के बाद बड़ी संख्या में भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए वाराणसी पहुंचे, जिससे शहर के घाटों और गलियों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, हाथरस, बलिया सहित कई राज्यों से श्रद्धालु यहां पहुंचे और पुण्य अर्जित किया।

श्रद्धालुओं ने की प्रशासन की तारीफ :-
हाथरस से आए श्रद्धालुओं ने कहा कि महाकुंभ स्नान के बाद वे काशी में माघी पूर्णिमा का स्नान और बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशासनिक व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं के लिए कपड़े बदलने की उचित सुविधा और सुरक्षा व्यवस्था बेहद अच्छी है।

जम्मू-कश्मीर के श्रद्धालु ने व्यवस्थाओं को सराहा :-
जम्मू-कश्मीर से आए विनोद कुमार बक्शी ने कहा कि प्रशासन की ओर से भीड़ नियंत्रण के लिए किए गए इंतजाम काबिले तारीफ हैं। उन्होंने बताया कि बिना किसी अव्यवस्था के लोग स्नान कर रहे हैं और बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर पा रहे हैं।


माघी पूर्णिमा का महत्व :-
अहिल्याबाई घाट के पुजारी विशाल शास्त्री ने बताया कि माघ पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ की पलट प्रवाह के कारण काशी में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है, जिससे गलियों में भी पैर रखने की जगह नहीं बची।

गुजरात से आईं महिला श्रद्धालुओं का उत्साह :-
गुजरात से आईं महिला श्रद्धालुओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में आकर उन्हें गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि भारी भीड़ के बावजूद सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में ट्रैफिक जाम के कारण वे पहले काशी आईं और यहां स्नान एवं दर्शन करने के बाद महाकुंभ जाएंगी।

काशी में माघी पूर्णिमा पर उमड़ी भक्तों की भीड़ से शहर में आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला, जहां दूर-दूर से आए श्रद्धालु पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।


