ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा देने के बाद अब एक नया मोड़ आ गया है। उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और साथ ही किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर लगे आरोपों को खारिज किया है। इस संबंध में ममता कुलकर्णी ने एक वीडियो संदेश जारी कर अपनी सफाई पेश की।
वीडियो संदेश में क्या कहा?
1 मिनट 14 सेकंड के वीडियो में ममता कुलकर्णी ने कहा कि,“मेरे गुरु स्वामी डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर कुछ लोगों ने गलत आरोप लगाए थे। उस भावना में बहकर मैंने महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया था।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गुरु को दी गई भेंट महामंडलेश्वर पद पर नियुक्ति के दौरान छत्र, छड़ी और चंवर के लिए थी। उन्होंने बताया कि भेंट के बाद बची हुई धनराशि को भंडारे के लिए दान कर दिया गया।
गुरु के प्रति आभार व्यक्त किया
ममता कुलकर्णी उर्फ यमाई ममता नंद गिरी ने कहा कि वह अपने गुरु की आभारी हैं जिन्होंने उन्हें पद पर वापस बिठाया। उन्होंने आगे कहा,
“मैं अब अपना पूरा जीवन किन्नर अखाड़े और सनातन धर्म की सेवा में समर्पित करूंगी।”
पहले दे चुकी थीं इस्तीफा
ममता कुलकर्णी को 24 जनवरी को किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन 10 फरवरी को उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उस समय उन्होंने किन्नर अखाड़े से भी अपना संबंध तोड़ने की बात कही थी।
पहले दिए गए बयान पर क्या कहा?
इंस्टाग्राम पर जारी किए गए पहले वीडियो में उन्होंने कहा था कि,
“मैं महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे रही हूं। मैं पहले भी साध्वी थी और आगे भी साध्वी रहूंगी। कुछ लोगों को मेरे महामंडलेश्वर बनने से परेशानी थी, चाहे वे शंकराचार्य हों या कोई और। मैं इस विवाद में फंसना नहीं चाहती थी।”
उन्होंने यह भी कहा था कि सन्यास की अपनी अलग परिभाषा होती है और भगवान भी आभूषण धारण करते हैं।
विवाद का क्या होगा असर?
अब जब ममता कुलकर्णी ने फिर से महामंडलेश्वर पद स्वीकार कर लिया है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि किन्नर अखाड़े में इस पूरे विवाद का असर आगे क्या पड़ता है।