वाराणसी। केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान, सारनाथ ने अपना 16वां दीक्षांत समारोह मनाया । इस कार्यक्रम में कुलाधिपति गजेन्द्र सिंह शेखावत (केन्द्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री), एवं प्रदेश सरकार के मंत्री राजवीर सिंह भी शामिल रहे। इस अवसर पर भाषण देते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक इस्तेमाल राष्ट्र के निर्माण में किया जाना चाहिए शिक्षा का मूल उद्देश्य ही निर्माण होता है।

संस्थान के विद्यार्थियों से भी यह उम्मीद हैं कि वह अपनी शिक्षा का समुचित उपयोग एक बेहतर समाज के लिए कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि आज भारत जिस प्रकार से तरक्की कर रहा है उसमें युवाओं की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है। आज यहां पर उपाधियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं प्रदान करते हुए इस बात की उम्मीद करता हूं कि वह स्थान के साथ-साथ देश का नाम रोशन करेंगे।
दीक्षांत समारोह में उपस्थित प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से बुद्ध ने कृपा भाव मैत्री का संदेश संपूर्ण विश्व को दिया था, उसी प्रकार से आप लोगों से भी यह उम्मीद है कि आप लोग भी बुद्ध की इस भाव और संदेश को समूचे राष्ट्र में फैलाएंगे और समाज को समरसता के रास्ते पर ले जाएंगे।

कार्यक्रम में केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान के कुलपति प्रो.वाऺडछुग दोर्जे नेगी ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर 126 मेंडल प्रदान किए गए, जिससे से 47 गोल्ड मेंडल के साथ पीएचडी में 14 डिग्री एवं एम फिल में 11 डिग्री भी प्रदान किया गया। इसमें संस्थान के पूर्व एवं वर्तमान छात्र, छात्राएं शामिल रही।