प्रयागराज महाकुंभ में नहाने लायक नहीं है संगम का पानी! CPCB ने NGT को दी रिपोर्ट, किया चौंकाने वाला खुलासा

प्रयागराज | महाकुंभ के दौरान करोड़ों श्रद्धालु गंगा और यमुना में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, लेकिन हाल ही में सामने आई एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ने इन नदियों के पानी की गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की एक रिपोर्ट सौंपी गई है, जिसमें खुलासा हुआ है कि प्रयागराज के घाटों का पानी स्नान के लिए सुरक्षित मानकों पर खरा नहीं उतरता।

WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now

गंगा-यमुना का पानी प्रदूषित, फीकल कोलीफॉर्म का स्तर बढ़ा

रिपोर्ट के मुताबिक, गंगा और यमुना के पानी में फीकल कोलीफॉर्म (Faecal Coliform) का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। यह बैक्टीरिया सीवेज प्रदूषण का संकेत देता है और इसकी अधिक मात्रा पानी की गंभीर अशुद्धता को दर्शाती है। CPCB के अनुसार, किसी भी स्नान योग्य पानी में फीकल कोलीफॉर्म की अधिकतम सीमा 2,500 यूनिट प्रति 100 मिलीलीटर होनी चाहिए, लेकिन महाकुंभ के दौरान लिए गए सैंपलों में यह तय सीमा से अधिक पाया गया है।

NGT की बेंच, जिसमें चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, जस्टिस सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल शामिल थे, ने इस रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई और जल प्रदूषण को लेकर चिंता व्यक्त की।

यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) पर लापरवाही के आरोप

NGT ने यह भी पाया कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने नदी में गिरने वाले सीवेज को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत रिपोर्ट नहीं सौंपी। बोर्ड की ओर से केवल कुछ पानी की जांच रिपोर्ट और एक संक्षिप्त पत्र भेजा गया, जो अधूरी और असंतोषजनक जानकारी थी।

इस लापरवाही पर NGT ने यूपी PCB को फटकार लगाई और राज्य के अधिकारियों को 19 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई में वर्चुअली पेश होने का निर्देश दिया।

श्रद्धालुओं की सेहत पर मंडराता संकट

महाकुंभ में हर साल लाखों श्रद्धालु गंगा और यमुना में स्नान करते हैं, लेकिन अगर पानी की गुणवत्ता इतनी खराब है, तो इससे त्वचा रोग, पेट संक्रमण और जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषित पानी में स्नान करने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

सरकारी दावों पर उठे सवाल

महाकुंभ के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन पानी की सफाई को लेकर इतनी बड़ी लापरवाही क्यों हो रही है? क्या श्रद्धालुओं की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है?

NGT की रिपोर्ट ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। अब सवाल यह है कि राज्य सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए क्या कदम उठाएंगे?

One thought on “प्रयागराज महाकुंभ में नहाने लायक नहीं है संगम का पानी! CPCB ने NGT को दी रिपोर्ट, किया चौंकाने वाला खुलासा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *