वाराणसी। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने काशी तमिल संगमम के दौरान 45 देशों के राजदूतों और डिप्लोमेट्स से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विविधता, एकता और वैश्विक महत्व पर चर्चा की और विभिन्न सवालों के ज्ञानवर्धक उत्तर दिए।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है, जहां अनेक भाषाएं, परंपराएं और मान्यताएं होते हुए भी राष्ट्र एकजुट है। उन्होंने कहा कि यह संस्कृतिक विविधता और अंतर्निहित एकता ही भारतीयों को जोड़कर रखती है और यही भारत की सबसे बड़ी शक्ति है।

संवाद के दौरान रवांडा के उप उच्चायुक्त ने कहा कि भारतीयों में पाई जाने वाली एकजुटता कुछ ऐसी चीज है जिससे दुनिया को सीख लेनी चाहिए, खासकर उन देशों को जहां संघर्ष और युद्ध जैसी स्थितियां बनी रहती हैं। आइसलैंड के राजदूत ने भारत की विविधता को देश की असली ताकत बताते हुए कहा कि यह विभिन्न संस्कृतियों को साथ लेकर आगे बढ़ने का सबसे बेहतरीन उदाहरण है।

विदेश मंत्री ने कहा कि काशी दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है और पूरे भारत के लिए सांस्कृतिक चुंबक की तरह काम करता है। उन्होंने कहा कि काशी से देश के हर हिस्से के लोग गहराई से जुड़े हुए हैं और यह भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का जीवंत उदाहरण है।

काशी तमिल संगमम के इस विशेष सत्र में भारतीय संस्कृति और कूटनीति के मेल को भी रेखांकित किया गया। विदेशी राजनयिकों ने भारत की सांस्कृतिक विरासत और सहिष्णुता की प्रशंसा की और इसे वैश्विक स्तर पर प्रेरणादायक बताया।
