बड़े शहरों में आवासीय संपत्ति की मांग बरकरार, डेवलपर्स को बेहतर बिक्री की उम्मीद

नई दिल्ली। भारत के प्रमुख शहरों (मुंबई, बेंगलुरु, गुरुग्राम, पुणे और कोलकाता) में आवासीय संपत्तियों की मजबूत मांग बनी हुई है, भले ही बीते एक-डेढ़ वर्षों में कीमतों में स्थिरता देखी गई हो। विशेषज्ञों का कहना है कि देशभर में आवासीय संपत्तियों की मांग में 4% से 9% तक की गिरावट आई है, लेकिन प्रमुख शहरों में यह बाजार अभी भी मजबूती से टिका हुआ है।

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देश की अग्रणी रियल एस्टेट कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज ने 2024 में 28,000 करोड़ रुपये की संपत्ति बुकिंग की, जिसमें से 500 करोड़ रुपये की बुकिंग सिर्फ दिसंबर तिमाही में नए प्रोजेक्ट्स के तहत हुई। कंपनी के मुताबिक, बुकिंग राशि में 69% और क्षेत्रफल में 54% की वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें कुल 2.64 करोड़ वर्ग फुट क्षेत्रफल की बिक्री हुई।

गोदरेज प्रॉपर्टीज की बुकिंग में दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा योगदान (9,936 करोड़ रुपये) रहा, जबकि मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (9,177 करोड़ रुपये) और बेंगलुरु (5,303 करोड़ रुपये) इस सूची में शामिल रहे। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में कंपनी ने 19,281 करोड़ रुपये की बुकिंग दर्ज की, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 13,008 करोड़ रुपये थी।

विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती समृद्धि और व्यापारिक गतिविधियों के विस्तार के कारण आवासीय और व्यावसायिक संपत्ति की मांग बनी रहेगी। इसके अलावा, मध्यम वर्गीय परिवार अब अपने घर खरीदने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। हाल ही में रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती से होम लोन सस्ता होने की उम्मीद है, जिससे भविष्य में आवासीय संपत्तियों की मांग में और तेजी आने की संभावना है।

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