केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि साल 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा दो बार आयोजित की जाएगी। यह कदम छात्रों को अपनी तैयारी को बेहतर बनाने और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का एक और मौका देने के लिए उठाया गया है।
वर्तमान परीक्षा प्रणाली
फिलहाल, CBSE की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं हर साल फरवरी से मार्च के बीच आयोजित की जाती हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान, सीबीएसई ने विशेष रूप से परीक्षाओं को दो सत्रों में विभाजित किया था। लेकिन स्थिति सामान्य होने के बाद बोर्ड ने अगली साल पारंपरिक वार्षिक परीक्षा प्रणाली पर लौटने का निर्णय लिया था।
नया परीक्षा प्रणाली कैसे काम करेगी?
CBSE के अनुसार, 10वीं बोर्ड परीक्षा के दो चरण होंगे। पहला चरण फरवरी-मार्च में आयोजित किया जाएगा और दूसरा चरण मई में। छात्रों को दोनों परीक्षाओं में बैठने का विकल्प मिलेगा, हालांकि यह अनिवार्य नहीं होगा। यदि किसी छात्र को पहली परीक्षा में संतुष्टि नहीं मिलती, तो वह दूसरी परीक्षा में शामिल हो सकता है और अपने अंकों में सुधार कर सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 10वीं की बोर्ड परीक्षा का पहला चरण 17 फरवरी से 6 मार्च 2026 तक, जबकि दूसरा चरण 5 मई से 20 मई 2026 तक आयोजित होगा।
छात्रों को कैसे मिलेगा फायदा?
इस नए सिस्टम के तहत, छात्रों को साल में दो बार परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। यदि पहली परीक्षा में अच्छे अंक नहीं आते, तो छात्र दूसरी परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। इस प्रणाली से परीक्षा का दबाव भी कम होगा और छात्र बिना तनाव के अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
शिक्षा व्यवस्था में बदलाव
CBSE का यह निर्णय नई शिक्षा नीति (NEP) के अंतर्गत लिया गया है, जो छात्रों की मानसिक सेहत और उनकी सीखने की प्रक्रिया को ध्यान में रखता है। इस बदलाव से छात्रों में परीक्षा का डर कम होगा और उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए अधिक अवसर मिलेंगे।