वाशिंगटन I अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) ने बुधवार को घोषणा की कि 30 दिनों के भीतर ट्रांसजेंडर सैनिकों को सेना से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, जब तक कि उन्हें विशेष मामलों में छूट नहीं मिल जाती। यह फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पिछले महीने लिए गए निर्णय के बाद आया है, जिसमें ट्रांसजेंडर सैनिकों की सेवा को लेकर सवाल उठाए गए थे।
30 दिन के भीतर करनी होगी पहचान
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पेंटागन को 30 दिनों के भीतर ट्रांसजेंडर सैनिकों की पहचान करने और अगले 30 दिनों में उन्हें सेवा से अलग करने का निर्देश दिया गया है। इस नीति को सैन्य सदस्यों की तत्परता, एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए जरूरी बताया गया है। रक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी सेना में करीब 1.3 मिलियन सक्रिय कर्मी हैं, जबकि ट्रांसजेंडर अधिकार संगठनों का अनुमान है कि लगभग 15,000 ट्रांसजेंडर सैनिक सक्रिय सेवा में हैं।
पेंटागन के बयान में कहा गया, “सैन्य सदस्यों की तत्परता, मारक क्षमता, एकजुटता, ईमानदारी, विनम्रता, एकरूपता और सत्यनिष्ठा के लिए उच्च मानदंड स्थापित करना US सरकार की नीति है।”
बाइडेन प्रशासन का फैसला पलटा
इससे पहले, बाइडेन प्रशासन ने ट्रांसजेंडर सैनिकों को सेना में भर्ती और लैंगिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी थी। लेकिन ट्रंप प्रशासन के इस नए फैसले के साथ उन नीतियों को खत्म कर दिया गया है।
इस नई नीति के तहत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सेना में भर्ती होने से रोक दिया जाएगा और मौजूदा सेवा सदस्यों के लिए सभी जेंडर ट्रांजिशन (लैंगिक परिवर्तन) से जुड़ी मेडिकल सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। इस कदम को लेकर ट्रांसजेंडर अधिकार संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे भेदभावपूर्ण करार दिया है।
