नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा से सटे Uttarakhand के चमोली जिले में शुक्रवार (28 फरवरी) को भीषण एवलांच (हिमस्खलन) हुआ, जिससे निर्माण कार्य में लगे कई मजदूर बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए।
यह हादसा माणा क्षेत्र में हुआ, जहां राहत एवं बचाव कार्य तेजी से जारी है। अब तक 46 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया, जबकि चार श्रमिकों की मौत हो चुकी है। पांच मजदूर अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए आईटीबीपी, एसडीआरएफ और सेना की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं।
हादसे के तुरंत बाद प्रशासन ने गौचर हवाई पट्टी को अलर्ट मोड पर रखा है और राहत कार्य के लिए पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और फायर ब्रिगेड की टीमें तैनात कर दी गई हैं। एसडीएम संतोष कुमार पांडे राहत अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
- 26 मजदूरों का आर्मी अस्पताल में इलाज जारी।
- 22 मजदूर आईटीबीपी और सेना कैंप में सुरक्षित।
- 5 मजदूर अब भी लापता, जिनकी तलाश जारी।
- अब तक 4 मजदूरों की मौत की पुष्टि।

भारतीय सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। हालांकि, मौसम खराब होने और भारी बर्फबारी की चेतावनी के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलें आ रही हैं। बर्फ की मोटी परत के नीचे दबे लोगों तक पहुंचने के लिए विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भारी बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई है, जिससे एवलांच का खतरा अभी भी बना हुआ है। प्रशासन ने लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में न जाने की सलाह दी है और सतर्क रहने को कहा है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, भारी हिमपात के कारण यह एवलांच हुआ, जिसने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को अपनी चपेट में ले लिया। प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। इस दुर्घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है और श्रमिकों के परिजन अपनों की सलामती की दुआ कर रहे हैं।