नई दिल्ली I दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के उन छात्रों के निलंबन पर रोक लगा दी, जिन्हें कैंपस में बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन करने के कारण निलंबित कर दिया गया था। कोर्ट ने विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिया कि वे इस मुद्दे के समाधान के लिए एक समिति का गठन करें, जिसमें विश्वविद्यालय के अधिकारी और छात्रों के प्रतिनिधि शामिल हों। साथ ही, अदालत ने विश्वविद्यालय से मामले की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।
छात्रों का दावा— शांतिपूर्ण था विरोध प्रदर्शन
सुनवाई के दौरान, चार जामिया छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के निलंबन आदेश को कोर्ट में चुनौती दी। उनके वकीलों ने तर्क दिया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे, इसलिए उनके खिलाफ की गई कार्रवाई अनुचित है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष
जामिया मिलिया इस्लामिया के वकीलों, अमित सहनी और किसले मिश्रा ने अदालत में कहा कि छात्रों ने बिना अनुमति के प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने यह भी बताया कि छात्रों ने कैंटीन के बाहर रात बिताने की कोशिश की, जो विश्वविद्यालय के नियमों के खिलाफ था।
फरवरी में भी हुआ था विरोध
इससे पहले, फरवरी में कुछ छात्रों को विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर हिरासत में लिया था। प्रदर्शनकारियों का दावा था कि कुछ छात्र घंटों तक लापता रहे, जिससे कैंपस में विरोध और तेज हो गया। हालांकि, सभी हिरासत में लिए गए छात्रों को लगभग 12 घंटे बाद रिहा कर दिया गया था।