नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज एक मामले में अंतरिम जमानत दे दी है। अदालत ने अंसारी को लखनऊ स्थित सरकारी आवास में ही रहने और मऊ निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने से पहले अदालत से अनुमति लेने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने अंसारी से कहा कि वे अदालत की पूर्व अनुमति के बिना उत्तर प्रदेश न छोड़ें और पुलिस को अदालत में पेशी से पहले सूचित करें। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस से छह सप्ताह में जमानत शर्तों के अनुपालन पर रिपोर्ट मांगी है।
इससे पहले, 18 दिसंबर 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उन पर आर्थिक और अन्य लाभ के लिए गिरोह बनाने का आरोप था।

31 अगस्त 2024 को चित्रकूट जिले के कोतवाली कर्वी थाने में अंसारी समेत नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट (UP Gangster Act) की धारा 2 और 3 के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी।
अब्बास अंसारी, जो मऊ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के विधायक हैं, उनको 6 सितंबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था। हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मामले की जांच जारी है।