Bhupesh Baghel ED Raid: ईडी की रेड पर भूपेश बघेल की पहली प्रतिक्रिया, कहा- घर से तीन चीजें

Bhupesh Baghel ED Raid: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा (Bhupesh Baghel ED Raid)। यह कार्रवाई कथित शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में उनके बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ की गई। अब खुद भूपेश बघेल ने इस छापेमारी को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है और बताया है कि ED को उनके घर से क्या मिला।

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Bhupesh Baghel ED Raid : घर से मिली तीन अहम चीजें

भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जानकारी दी,
“मेरे घर में ED को तीन चीजें मिली हैं—

  1. मंतूराम और डॉ. पुनीत गुप्ता (डॉ. रमन सिंह के दामाद) के बीच करोड़ों के लेनदेन की बातचीत वाली पेनड्राइव।
  2. डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह की शेल कंपनियों के दस्तावेज।
  3. पूरे संयुक्त परिवार की संपत्ति, जिसमें खेती, डेयरी, स्त्रीधन और नकद मिलाकर लगभग 33 लाख रुपये शामिल हैं, जिनका पूरा हिसाब दिया जाएगा।”

बघेल ने यह भी दावा किया कि ED अधिकारी कोई भी ECIR नंबर उपलब्ध नहीं करा पाए हैं।

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“अखबार पढ़ रहा था, तभी ED आ गई”

पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि जब ED की टीम उनके घर पहुंची, तब वे अखबार पढ़ रहे थे और चाय पी रहे थे। उन्होंने कहा,
“मैंने ED अधिकारियों का स्वागत किया और कहा कि मैं महीनों से उनके आने का इंतजार कर रहा था। मेरे घर में मेरी पत्नी, बेटा, बहू, तीन बेटियां और पोते-पोतियां रहते हैं।”

बघेल ने ANI को दिए इंटरव्यू में कहा, हम संयुक्त परिवार में रहते हैं और 140 एकड़ जमीन पर खेती करते हैं। हमारे पास वही संपत्ति है, जिसे हमने पहले ही घोषित कर रखा था। ED अधिकारियों ने इसकी जांच की। पूरे परिवार से कुल 33 लाख रुपये नकद मिले, जिनका ब्यौरा हम उन्हें लिखित में देंगे।”

“सवाल पूछने पर ED आ जाती है”

बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब विधानसभा में सवाल पूछना अपराध बन गया है। कवासी लखमा ने सरकार से सवाल पूछे, तो ED उनके घर पहुंच गई और 8 दिन के भीतर उन्हें जेल भेज दिया गया। मैंने भी गरीबों के लिए आवास योजना पर सवाल उठाए, तो चौथे दिन मेरे घर पर ED की रेड हो गई।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि छापेमारी (Bhupesh Baghel ED Raid) के दौरान ऐसा माहौल बनाया गया, जैसे बहुत बड़ी रकम बरामद हुई हो।“ED ने नोट गिनने की मशीन तक मंगवा ली, जबकि 33 लाख रुपये कोई बहुत बड़ी रकम नहीं है। यह साफ दिख रहा है कि विपक्ष की आवाज दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।”

क्या यह राजनीतिक कार्रवाई है?

भूपेश बघेल ने इस छापेमारी को राजनीतिक षड्यंत्र बताया और इसे बदले की कार्रवाई करार दिया। उन्होंने कहा कि वे किसी भी जांच से डरने वाले नहीं हैं और सच्चाई के साथ खड़े रहेंगे।

अब देखने वाली बात यह होगी कि ED की इस रेड से छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्या बदलाव आता है और कांग्रेस इस पर क्या रुख अपनाती है।

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