Nagpur Violence Updates : नागपुर में सोमवार शाम को उस वक्त अराजकता फैल गई, जब एक धार्मिक ग्रंथ जलाने की अफवाह उड़ी। अफवाह के बाद शहर में हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ शुरू हो गई। देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए, जिससे पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

कैसे भड़की हिंसा?
इस घटना की शुरुआत तब हुई जब एक दक्षिणपंथी संगठन ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। माहौल पहले से ही तनावपूर्ण था, लेकिन धार्मिक ग्रंथ जलाने की अफवाह ने आग में घी डालने का काम किया। देखते ही देखते दंगाइयों ने दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी, गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, और पुलिस पर पथराव करने लगे।
नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने भा.ना.सु.स (BNSS) की धारा 163 के तहत नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया। प्रभावित क्षेत्रों में कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पाचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर शामिल हैं।

50 से अधिक लोग हिरासत में, पुलिस कर रही सख्त कार्रवाई
इस हिंसा में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और कई संदिग्धों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ मामले दर्ज कर लिए हैं और शहर में शांति बहाल करने के लिए भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है।
महाराष्ट्र सरकार ने हिंसा को बताया ‘पूर्व नियोजित’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हिंसा को पूर्व नियोजित साजिश करार दिया है और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, “कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
