नई दिल्ली/प्रयागराज: दिल्ली हाईकोर्ट से स्थानांतरित होकर आए न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा (Yashwant Varma) ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपने पद और गोपनीयता की शपथ ली। हालांकि, वर्तमान में उन्हें किसी भी न्यायिक कार्य से अलग रखा गया है क्योंकि उनके खिलाफ एक संवेदनशील जांच प्रक्रिया चल रही है। यह शपथग्रहण मुख्य न्यायाधीश के चैंबर में निजी तौर पर हुआ, जो पारंपरिक सार्वजनिक समारोहों से भिन्न था।
शपथ लेने के बाद उनका नाम हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में जोड़ दिया गया है, जहां वे आठवें स्थान पर हैं। बताया गया है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश की अनुमति मिलने के बाद ही उन्होंने चैंबर में शपथ ली।
Justice Yashwant Varma का दिल्ली हुआ ट्रांसफर, वकीलों का विरोध प्रदर्शन जारी
बार एसोसिएशन ने जताया विरोध
इस घटनाक्रम पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की बार एसोसिएशन ने नाराज़गी जताई है। एसोसिएशन के सचिव विक्रांत पांडेय द्वारा चीफ जस्टिस को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि न तो बार और न ही अधिकतर न्यायाधीशों को इस शपथ समारोह की जानकारी दी गई थी। इसे पारदर्शिता और परंपरा के खिलाफ बताया गया है।
Justice Yashwant Varma: उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के आवास के बाहर मिले जले हुए नोट

एसोसिएशन ने इस गोपनीय शपथग्रहण समारोह की आलोचना करते हुए मांग की है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, जस्टिस वर्मा को किसी भी न्यायिक या प्रशासनिक कार्य से दूर रखा जाए।