Varanasi : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ(MGKVP) के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025(world health day) के उपलक्ष्य में सोमवार को एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा घोषित थीम “स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य”(Healthy Beginning, Promising Future) को केंद्र में रखते हुए कार्यक्रम का संचालन किया गया।

कार्यक्रम की संयोजक और विभागाध्यक्ष प्रो. अंकिता गुप्ता ने कहा कि मानसिक और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। केवल खान-पान ही नहीं, बल्कि आचार-व्यवहार, सोच-विचार भी हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आज के दौर में आत्मनिरीक्षण और स्वास्थ्य(Introspection and health) के प्रति सजगता समय की मांग है।

प्रो. राजेश पाल ने अपने वक्तव्य में भारत की स्वास्थ्य प्रणाली में हुई प्रगति को रेखांकित किया, लेकिन साथ ही मौजूदा स्वास्थ्य चुनौतियों पर चर्चा करते हुए उनके समाधान की दिशा में सोचने की जरूरत बताई।
प्रो. राजीव कुमार ने बताया कि भारत ने पोलियो उन्मूलन और मातृ-शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट जैसे अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। हालांकि हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा, उच्च रक्तचाप जैसी गैर-संचारी बीमारियां (Non-Communicable Diseases) और टीबी, मलेरिया, हेपेटाइटिस जैसी संक्रामक बीमारियां (Communicable Diseases) अभी भी प्रमुख चिंताओं में शामिल हैं।

डॉ. पारस नाथ मौर्या ने बताया कि अस्वस्थ जीवनशैली, धूम्रपान, शराब सेवन, खराब आहार, और पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्याएं कई बीमारियों के पीछे जिम्मेदार हैं। उन्होंने डिजिटल स्वास्थ्य तकनीक (Digital Health Technology), समान स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और सरकारी बजट में वृद्धि जैसे उपायों को जरूरी बताया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. गंगाधर ने किया और डॉ. उर्जस्विता सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस मौके पर प्रो. हंसा जैन, डॉ. अमित कुमार सिंह, डॉ. पारिजात सौरभ, राकेश सागर, प्रज्ञा, शशिप्रिया, नीलम, अखिलेंद्र समेत कई शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र उपस्थित रहे।

