Varanasi : विशेष न्यायाधीश (प्रथम) अवधेश कुमार द्वितीय की अदालत ने एक बहुचर्चित दहेज हत्या के मामले में पति और ससुर को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। आरोपियों में शामिल ग्राम मुस्तफापुर थाना चौबेपुर निवासी बृजेश सिंह और उनके पिता भगवान सिंह को कोर्ट ने दोषमुक्त घोषित कर दिया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ताओं वरुण प्रताप सिंह और अंकुर श्रीवास्तव ने प्रभावी पैरवी की।
Varanasi : अभियोजन पक्ष की ओर से दर्ज था गंभीर आरोप:
चंदौली जिले के ग्राम झांसी, पोस्ट लौंदा निवासी वादी अवधेश सिंह ने कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, उन्होंने अपनी बेटी रूचि सिंह की शादी वर्ष 2005 में बृजेश सिंह से की थी। विवाह के बाद से ही रूचि को उसके पति, ससुर भगवान सिंह, जेठ विपिन सिंह और जेठानी श्वेता सिंह द्वारा दहेज की मांग को लेकर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा।
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मृत्यु की सूचना से मचा था हड़कंप:
वादी के अनुसार, 20 फरवरी 2018 को दोपहर लगभग दो बजे उन्हें सूचना मिली कि उनकी बेटी की उसके ससुरालवालों ने मिलकर हत्या कर दी है। जब वे भुवनेश्वर नगर कॉलोनी स्थित ससुराल पहुंचे, तो रूचि मृत अवस्था में मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि बेटी की हत्या रुपयों की लालच में परिवार के सभी सदस्यों ने मिलकर की।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य आरोपियों को दोषी सिद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे में संदेह का लाभ देते हुए पति और ससुर को दोषमुक्त करार दिया गया।
