Washington/Beijing : अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव (US-China Trade War) का खामियाजा अब वैश्विक विमान निर्माता कंपनी Boeing को भुगतना पड़ रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अपने सभी एयरलाइंस को Boeing के नए विमान न लेने का निर्देश दिया है। इस फैसले के बाद Boeing के शेयरों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है।
अमेरिका की सबसे बड़ी निर्यातक कंपनी Boeing पहले से ही संकट से जूझ रही है। कंपनी 2018 से अब तक लगभग 51 अरब डॉलर का नुकसान झेल चुकी है। Boeing के अनुसार, चीन अगले 20 वर्षों में 8,830 नए विमानों की ज़रूरत वाला सबसे बड़ा बाजार है, लेकिन मौजूदा फैसले के चलते यह बाज़ार अब अनिश्चितता के घेरे में आ गया है।

इस फैसले की टाइमिंग भी संकेत देती है कि यह अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर का ताज़ा अध्याय है। हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी उत्पादों पर 145% तक टैरिफ लगाए गए, जिसके जवाब में चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 125% तक टैक्स लगा दिया। इससे Boeing जैसे उत्पाद मूल्य के लिहाज से गैर-प्रतिस्पर्धी हो गए हैं।

Boeing को सबसे अधिक भुगतान विमान डिलीवरी के समय मिलता है। फिलहाल कंपनी के पास 55 विमान स्टॉक में पड़े हैं, जिनमें से अधिकांश चीन और भारत के लिए थे। डिलीवरी अटकने का मतलब है कि इन विमानों से कमाई नहीं हो पाएगी, और कंपनी की नकदी संकट की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
ट्रेड वॉर के अलावा Boeing की समस्या उसकी 737 MAX श्रृंखला के दो घातक हादसों से भी जुड़ी है। इन हादसों के बाद चीन ने इन विमानों पर लंबे समय तक प्रतिबंध लगाए रखा, जबकि अन्य देशों ने 2020 में इन्हें उड़ान की अनुमति दे दी थी।
आंकड़े जो चिंताजनक हैं :-
- 2017-18 में चीन से ऑर्डर: 122 विमान
- 2019-2024 तक: सिर्फ 28 ऑर्डर, वो भी अधिकतर मालवाहक
- Boeing का दो-तिहाई कारोबार: अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों पर निर्भर
- कर्मचारी संख्या: करीब 1.5 लाख