वॉशिंगटन I व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक दस्तावेज के अनुसार, अमेरिका ने चीन के उत्पादों पर 245 प्रतिशत तक का आयात टैरिफ (Tariff) लगाने का फैसला किया है। यह कदम चीन द्वारा की गई जवाबी कार्रवाइयों के जवाब में उठाया गया है। यह निर्णय तब सामने आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आयातित खनिजों और उनसे बने उत्पादों पर अमेरिकी निर्भरता से उत्पन्न जोखिमों की जांच के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए।
दस्तावेज में ट्रम्प के उस दावे का जिक्र है कि विदेशी महत्वपूर्ण खनिजों पर अत्यधिक निर्भरता और उनके निम्न गुणवत्ता वाले उत्पाद अमेरिकी रक्षा क्षमताओं, बुनियादी ढांचे और तकनीकी नवाचार के लिए खतरा पैदा करते हैं। आदेश के तहत, ट्रम्प ने सभी देशों पर 10 प्रतिशत Tariff लगाया है और उन देशों पर पारस्परिक रूप से उच्च टैरिफ लागू किए हैं, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा सबसे अधिक है।
व्हाइट हाउस का कहना है कि 75 से अधिक देशों ने नए व्यापार समझौतों पर चर्चा के लिए संपर्क किया है, जिसके चलते चीन को छोड़कर अन्य देशों पर जवाबी टैरिफ (Tariff) को फिलहाल टाल दिया गया है। हालांकि, अमेरिका का दावा है कि चीन ने जवाबी कार्रवाई की है, जिसके परिणामस्वरूप उसके उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाया जाएगा।
ट्रम्प प्रशासन के Tariff दस्तावेज में यह भी उल्लेख है कि चीन ने कुछ महीने पहले गैलियम, जर्मेनियम, एंटीमनी और अन्य उच्च-तकनीकी सामग्रियों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिनका सैन्य उपयोग संभव है। हाल ही में, चीन ने छह भारी दुर्लभ रेयर अर्थ मेटल और रेयर अर्थ चुंबकों के निर्यात को भी निलंबित कर दिया।
व्हाइट हाउस ने दावा किया कि चीन की ये कार्रवाइयां वैश्विक ऑटोमेकर्स, एयरोस्पेस निर्माताओं, सेमीकंडक्टर कंपनियों और सैन्य ठेकेदारों के लिए महत्वपूर्ण घटकों की आपूर्ति बाधित करने के उद्देश्य से की गई हैं। इस कदम से दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध और तनाव बढ़ने की आशंका है।