Varanasi : करणी सेना ने शुक्रवार को वाराणसी के जिलामुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। करणी सेना(Karni Sena protest) के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह रघुवंशी के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं हरीश मिश्रा और संदीप मिश्रा के खिलाफ कथित विवादित बयानों को लेकर अपना आक्रोश जताया।
करणी सेना का गुस्सा सपा नेताओं हरीश मिश्रा और संदीप मिश्रा द्वारा मां करणी और राणा सांगा को लेकर दिए गए कथित विवादित बयानों से उपजा। इसके अलावा, सपा सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर की गई टिप्पणी ने भी विवाद को और हवा दी।
राकेश सिंह रघुवंशी ने सपा नेताओं पर तीखा हमला बोला और कहा कि करणी सेना से जो उलझा है, उसे हमने अच्छे से सुलझा दिया। पिछली बार बीजेपी को समझाया था, अबकी बार सपा साफ हो जाएगी। सपा सांसद रामजीलाल सुमन की सुरक्षा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि तीन लेयर की घेराबंदी थी, फिर भी वह बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सके।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए रघुवंशी ने कहा कि अखिलेश यादव चाहते तो यह विवाद पहले ही खत्म हो जाता। वोट बैंक की राजनीति के लिए दलित बनाम ठाकुर का माहौल बनाया गया। हरीश मिश्रा पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हरीश मिश्रा के डीएनए की जांच होनी चाहिए। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रघुवंशी ने बलिदान की भावना जताई और कहा कि अगर हमें जिंदा जलाने से राष्ट्र का विकास होता है, तो हम बलिदान देने को तैयार हैं।
प्रदर्शन की पृष्ठभूमि
- हरीश मिश्रा पर हमला: 12 अप्रैल 2025 को वाराणसी के सिगरा थाना क्षेत्र में हरीश मिश्रा पर कथित तौर पर करणी सेना से जुड़े लोगों ने हमला किया था। हरीश मिश्रा ने दावा किया कि यह हमला मां करणी पर उनके बयान के कारण हुआ। हालांकि, पुलिस ने इसे आपसी रंजिश का मामला बताते हुए हरीश मिश्रा सहित 55 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और उन्हें जेल भेज दिया।
- संदीप मिश्रा का विवादित बयान: सपा की लोहिया वाहिनी के महानगर अध्यक्ष संदीप मिश्रा ने करणी सेना के कार्यकर्ताओं को “जिंदा जलाने” की धमकी दी थी, जिसके बाद उनके खिलाफ बीएनएस की धारा 356(3) और 196(1) में मुकदमा दर्ज हुआ। इस बयान के विरोध में करणी सेना ने प्रदर्शन की योजना बनाई, और संदीप मिश्रा की सुरक्षा बढ़ा दी गई।
- राणा सांगा विवाद: सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने मार्च 2025 में राज्यसभा में राणा सांगा को “गद्दार” कहकर विवाद खड़ा किया था। इस बयान के बाद करणी सेना ने आगरा, लखनऊ और भोपाल सहित कई शहरों में प्रदर्शन किए।

अखिलेश यादव ने हरीश मिश्रा पर हुए हमले की निंदा की और इसे उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की विफलता का प्रतीक बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि हरीश मिश्रा पर चाकू से किया गया कातिलाना हमला बेहद निंदनीय है। उनके रक्तरंजित वस्त्र यूपी में ध्वस्त हो चुकी कानून-व्यवस्था की निशानी हैं।

अखिलेश ने करणी सेना को बीजेपी की “सेना” करार देते हुए कहा कि यह संगठन बीजेपी के इशारे पर काम करता है। सपा एमएलसी आशुतोष सिंह ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि हरीश मिश्रा को इलाज की जरूरत थी, फिर भी उन्हें जेल भेजा गया।
सिगरा थाना प्रभारी संजय कुमार मिश्र ने बताया कि हरीश मिश्रा के खिलाफ मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया। काशी जोन के एडीसीपी सरवनन टी (ADCP Saravanan T) ने दावा किया कि हरीश मिश्रा पर हमला करने वाले लोग करणी सेना से नहीं थे और यह आपसी रंजिश का मामला था। संदीप मिश्रा के विवादित बयान के बाद उनके घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई, क्योंकि करणी सेना ने उनके खिलाफ प्रदर्शन की घोषणा की थी।

करणी सेना ने सपा नेताओं के बयानों को राजपूत समाज और मां करणी का अपमान बताया। राकेश रघुवंशी ने प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने और सपा के खिलाफ 2027 के चुनाव में वोट न देने की शपथ लेने का आह्वान किया। संगठन ने रामजीलाल सुमन से माफी की मांग की और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी।
राणा सांगा और मां करणी को लेकर विवाद ने उत्तर प्रदेश में दलित बनाम ठाकुर की राजनीति को हवा दी है। करणी सेना इसे राजपूत समाज के सम्मान से जोड़कर सपा के खिलाफ आक्रामक रुख अपना रही है।
