वाराणसी: भीषण गर्मी और लू के प्रभाव से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशों के आधार पर वाराणसी नगर निगम (Varanasi Nagar Nigam) ने एक नई एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में लू-तापघात के संभावित लक्षणों और उससे बचाव के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी गई है।
लू-तापघात के लक्षण
लू-तापघात से शरीर का तापमान बढ़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप पसीना आना, सिर में दर्द या भारीपन, त्वचा का सूखा और लाल होना, उल्टी-दस्त, बेहोश हो जाना, मांसपेशियों में ऐंठन आदि लक्षण हो सकते हैं। यदि इनमें से कोई लक्षण व्यक्ति में दिखें, तो उसे तत्काल ठंडे और छायादार स्थान पर ले जाएं। इसके बाद एम्बुलेंस को कॉल करके नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजें। इसके अतिरिक्त, पानी पिलाना, कपड़े निकालकर शरीर पर गीला कपड़ा लगाना और पंखे से हवा देना भी मददगार हो सकता है।
लू से बचाव के उपाय
दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कड़ी धूप से बचें।
अधिक पानी पिएं, प्यास न लगे तो भी पानी पीते रहें।
हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें और धूप से बचने के लिए टोपी, छाता आदि का इस्तेमाल करें।

बाहर जाने से पहले गीले कपड़े को सिर, चेहरे और गर्दन पर रखें।
घर में ठंडक बनाए रखें और पर्दे या शटर का इस्तेमाल करें।
गर्मी से बचाव के लिए घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, नींबू पानी आदि का सेवन करें।
बच्चों और पालतू जानवरों को गर्मी से बचाकर छांव में रखें।
क्या करें, क्या न करें
बच्चों और पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला न छोड़ें।
नशीले पदार्थ, शराब या अल्कोहल से बचें।

गर्मी के मौसम में अधिक प्रोटीन युक्त भोजन से बचें और बासी भोजन न करें।
घर में खिड़कियों को ढकने के लिए रिफ्लेक्टर या काले पर्दे का उपयोग करें।
जरूरतमंद होने पर प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण प्राप्त करें।
घर के निचले हिस्से में रहकर सूर्य के संपर्क से बचें।
इस तरह की सावधानियां बरतकर हम लू और गर्मी के प्रभाव से सुरक्षित रह सकते हैं।
