वाराणसी I राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को नई दिल्ली में काशी के प्रख्यात ज्योतिषी और विद्वान पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड को पद्मश्री सम्मान (Padmashree Award) से नवाजा। यह सम्मान उन्हें ज्योतिष के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य, अयोध्या में राममंदिर के शिलान्यास, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और श्री काशी विश्वनाथ धाम के लिए मुहूर्त निर्धारण जैसे महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रदान किया गया। इस सम्मान की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी।
काशी की पुरातन विद्वत परंपरा के संवाहक और वेदशास्त्र के मर्मज्ञ पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड को पद्मश्री (Padmashree Award) मिलने पर काशी का विद्वत समाज गौरवान्वित है। विश्वेश्वर शास्त्री द्राविड ने बताया कि रामघाट स्थित श्री वल्लभराम शालिग्राम सांगवेद विद्यालय और श्री गीर्वाणवाग्वर्धिनी सभा इस सम्मान से अभिभूत हैं।

Padmashree पंडित गणेश्वर शास्त्री की विद्वता और ख्याति देशभर में व्याप्त है।
पंडित गणेश्वर शास्त्री ने अपने पिता पद्मभूषण पंडितराज राजेश्वर शास्त्री द्राविड से प्राप्त शिक्षा का अनुसरण करते हुए विद्याव्रत का पालन किया और असंख्य लोगों को विद्या दान दिया। उन्होंने अयोध्या राममंदिर के शिलान्यास के लिए दुर्लभ 32 सेकंड का सूक्ष्म मुहूर्त और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का श्रेष्ठतम मुहूर्त निर्धारित किया था। इसके अलावा, श्री काशी विश्वनाथ धाम के लिए भी उनके द्वारा दिए गए मुहूर्त ने सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

काशी के विद्वानों ने इस Padmashree Award सम्मान को न केवल पंडित गणेश्वर शास्त्री की व्यक्तिगत उपलब्धि, बल्कि काशी की विद्वत परंपरा और ज्योतिष शास्त्र के गौरव के रूप में देखा है। यह सम्मान भारतीय सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और ज्योतिष के क्षेत्र में उनके योगदान को रेखांकित करता है।