वाराणसी : भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR), वाराणसी में हाइटेक सब्जी पौधशाला तकनीक पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्यवर्धक और गुणवत्तायुक्त सब्जी पौध उत्पादन को बढ़ावा देना और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना रहा।
संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में बताया गया कि हाइटेक पौधशाला (IIVR) तकनीक से मौसम व बेमौसम में रोग रहित, स्वस्थ पौध तैयार की जा सकती है, जो किसानों को अधिक उपज देने वाली फसल के लिए आधार तैयार करेगी। साथ ही यह तकनीक ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उद्यमिता को भी बढ़ावा देगी।
IIVR : स्व-सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी
प्रशिक्षण कार्यक्रम में गणेश स्व-सहायता समूह और शिवगुरू स्व-सहायता समूह की महिला सदस्यों ने भाग लिया। गणेश समूह का नेतृत्व श्रीमती रेखा सिंह और शिवगुरू समूह का प्रतिनिधित्व श्रीमती शैलकुमारी ने किया।
वैज्ञानिकों ने दी तकनीकी जानकारी
डॉ. हरे कृष्ण, प्रधान वैज्ञानिक, ने हाइटेक नर्सरी (IIVR) की संरचना, उपकरणों और पौध उगाने की आधुनिक विधियों का व्यावहारिक प्रदर्शन किया।
डॉ. सिद्धार्थ कुमार सिंह ने सैद्धांतिक सत्र में पौध उत्पादन में आने वाली तकनीकी समस्याओं और उनके समाधान विस्तार से समझाए।

डॉ. आत्मानंद त्रिपाठी ने पौधशाला में लगने वाले कीट एवं रोग नियंत्रण पर जैविक व वैज्ञानिक तरीकों से जानकारी दी और विषमुक्त पौध उत्पादन पर जोर दिया।
सरकारी सहयोग और प्रोत्साहन
कार्यक्रम में जिला उद्यान अधिकारी श्री ज्योति सिंह ने बताया कि पौध उत्पादन से जुड़ी योजना में सरकार की ओर से 80:20 के अनुपात में सहयोग दिया जा रहा है, जिससे लाभार्थी को कम लागत में पौध तैयार करने की सुविधा मिलेगी।
समन्वय का कुशल संचालन
प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समन्वय डॉ. नीरज सिंह, डॉ. हरे कृष्ण, डॉ. सिद्धार्थ कुमार सिंह एवं डॉ. आत्मानंद त्रिपाठी ने किया।
इस प्रशिक्षण से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को नई तकनीक की जानकारी मिली है, जो न केवल आय का जरिया बनेगी बल्कि सब्जी उत्पादन की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएगी।
