वाराणसी I कबीरचौरा मंडलीय चिकित्सालय (Kabirchaura Hospital) का स्वरूप जल्द ही बदलने जा रहा है। 150 साल पुराने इस अस्पताल को सुपरस्पेशियलिटी सेंटर में तब्दील करने की कवायद फिर से शुरू हो गई है। कार्यदायी संस्था के चयन के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है। पूर्व प्रमुख अधीक्षक डॉ. एसपी सिंह ने अपने रिटायरमेंट के अंतिम दिन बताया कि अस्पताल को बंद किए बिना, हिस्सों में निर्माण कार्य होगा।
वर्तमान में 316 बेड वाले इस Kabirchaura Hospital की क्षमता बढ़कर 725 बेड हो जाएगी। इसके लिए 338 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हो चुका है, जिसमें 215 करोड़ पहले और हाल ही में 123 करोड़ रुपये अतिरिक्त पास किए गए हैं। निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा, जिसमें पुराने भवनों को चरणबद्ध तरीके से तोड़ा जाएगा।

1872 में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान स्थापित यह Kabirchaura Hospital वर्तमान में सीटी स्कैन, डिजिटल अल्ट्रासाउंड, कंप्यूटराइज्ड पंजीकरण, ऑनलाइन लैब रिपोर्ट, डायलिसिस, ब्लड बैंक और शहर का सबसे बड़ा बर्न वार्ड जैसी सुविधाएं प्रदान करता है। सुपरस्पेशियलिटी सेंटर बनने के बाद प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोलॉजी, यूरोलॉजी जैसे नए विभाग खुलेंगे।
नए सेंटर में 150 बेड का आईसीयू, विभागवार ऑपरेशन थियेटर और उन्नत इमरजेंसी सुविधाएं होंगी। इससे BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल पर मरीजों का दबाव कम होगा, क्योंकि गंभीर मरीजों को अब रेफर करने की जरूरत कम पड़ेगी। निर्माण कार्य पूरा होने पर Kabirchaura Hospital न केवल वाराणसी, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के मरीजों के लिए भी एक आधुनिक चिकित्सा केंद्र बन जाएगा।