वाराणसी। अब वरुणा नदी (Varuna River) की सफाई सिर्फ स्वच्छता तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इससे आय और जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। नगर निगम ने नदी की सफाई के दौरान निकलने वाली गाद से जैविक खाद बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इससे एक ओर पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, वहीं दूसरी ओर निगम की आमदनी में इजाफा होगा और किसानों को सस्ती दर पर खाद उपलब्ध हो सकेगी।
इस परियोजना की जिम्मेदारी जल निगम को सौंपी गई है। योजना के तहत, Varuna River की सफाई के दौरान जो गाद निकाली जाएगी, उसे पहले सुखाया जाएगा और फिर मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (MRF) सेंटर में भेजकर खाद में बदला जाएगा। यह खाद आसपास के किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराई जाएगी।
वरुणा पार में बनेगा खाद निर्माण केंद्र
खाद निर्माण की प्रक्रिया के लिए वरुणा पार क्षेत्र में एक स्थायी केंद्र बनाया जाएगा। शुरुआत में 15 सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई है, जो Varuna River की सफाई का कार्य संभालेंगे। इससे न सिर्फ नदी स्वच्छ होगी, बल्कि बायो-वेस्ट का उपयोग भी प्रभावी रूप से किया जा सकेगा।
नालों का होगा ट्रीटमेंट, सीवर लाइन जोड़े जाएंगे STP से
नदी (Varuna River) को प्रदूषण से बचाने के लिए योजना के तहत वरुणा में गिरने वाले नालों को टैप किया जाएगा। दोनों किनारों पर इंटरसेप्टर लाइन बिछाकर इन्हें एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) से जोड़ा जाएगा। यहां सीवर के पानी का ट्रीटमेंट कर उसे सिंचाई में इस्तेमाल किया जाएगा।

गाद को खाद निर्माण केंद्र तक पहुंचाकर उपयोगी जैविक उत्पाद तैयार किए जाएंगे, जिससे किसानों को रासायनिक खाद पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
नगर निगम का मानना है कि यह पहल पर्यावरणीय सुधार, आर्थिक विकास और किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। पूरी कार्ययोजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।