Free Ultrasound : गर्भवती महिलाओं के लिए खुशखबरी: अब निजी केंद्रों पर मिलेगा मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा, 84 जांच केंद्र चिन्हित

वाराणसी: अब गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड जांच के लिए सरकारी अस्पतालों की सीमित सुविधाओं के कारण परेशान नहीं होना पड़ेगा। शासन के निर्देश पर वाराणसी जिले में 84 निजी जांच केंद्रों को चिन्हित किया गया है, जहां गर्भवती महिलाओं को नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड (Free Ultrasound) सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।

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Free Ultrasound : गर्भवती महिलाओं के लिए खुशखबरी: अब निजी केंद्रों पर मिलेगा मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा, 84 जांच केंद्र चिन्हित Free Ultrasound : गर्भवती महिलाओं के लिए खुशखबरी: अब निजी केंद्रों पर मिलेगा मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा, 84 जांच केंद्र चिन्हित

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि इस योजना के तहत जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी पर पंजीकृत गर्भवती महिलाओं को आवश्यकता पड़ने पर चिन्हित निजी जांच केंद्रों पर भेजा जाएगा। वहाँ ई-बाउचर के माध्यम से मुफ्त अल्ट्रासाउंड कराया जा सकेगा, जिसका भुगतान सरकार स्वयं करेगी।

ई-बाउचर से मिलेगी सुविधा, नहीं देना होगा कोई शुल्क

सीएचसी और पीएचसी प्रभारी द्वारा गर्भवती महिलाओं को मोबाइल पर ई-बाउचर उपलब्ध कराया जाएगा, जिसे दिखाकर वे संबद्ध निजी जांच केंद्रों पर नि:शुल्क (Free Ultrasound) जांच करा सकेंगी। यह व्यवस्था उन केंद्रों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी जहां अल्ट्रासाउंड मशीन या रेडियोलॉजिस्ट की अनुपलब्धता के चलते जांच नहीं हो पाती है।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिलाएं होंगी लाभान्वित

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एचसी मौर्य ने बताया कि यह सुविधा जिले के 14 सीएचसी और 57 पीएचसी के जरिये संचालित की जा रही है। प्रतिदिन सैकड़ों महिलाएं इन केंद्रों पर इलाज और जांच (Free Ultrasound) के लिए आती हैं, लेकिन संसाधनों की कमी से उन्हें निजी जांच केंद्रों का रुख करना पड़ता है।

अब स्वास्थ्य विभाग की यह पहल न सिर्फ गर्भवती महिलाओं की जांच को सुलभ बनाएगी, बल्कि आर्थिक बोझ को भी कम करेगी।

सरकार उठाएगी खर्च, महिलाओं के चेहरे पर लौटेगी मुस्कान

डॉ. मौर्य ने कहा, “हमारा प्रयास है कि किसी भी गर्भवती महिला को जांच के अभाव में कोई परेशानी न हो। अगर सरकारी अस्पताल में जांच संभव नहीं है, तो उसे नजदीकी निजी केंद्र पर भेजा जाएगा, जहां सरकार के खर्च पर उसकी जांच की जाएगी।”

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