नई दिल्ली I अमेरिका और चीन (US-China) ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अपने द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के महत्व को स्वीकारते हुए 90 दिनों के लिए पारस्परिक शुल्क और जवाबी शुल्क हटाने पर सहमति जताई है। सोमवार को जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि यह निर्णय दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को कम करने और स्थायी, दीर्घकालिक तथा पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हालांकि, इस अस्थायी राहत के दौरान भी कुछ शुल्क लागू रहेंगे। China US वस्तुओं पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाएगा, जबकि अमेरिका चीनी उत्पादों पर लगभग 30 प्रतिशत कर वसूलेगा। दोनों पक्षों ने इस अवधि में आर्थिक और व्यापार संबंधों को लेकर बातचीत जारी रखने और एक स्थायी समाधान तलाशने के लिए एक वार्ता तंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है।
इन चर्चाओं का नेतृत्व China पक्ष से स्टेट काउंसिल के वाइस प्रीमियर हे लिफेंग करेंगे, जबकि अमेरिकी पक्ष की ओर से ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर भाग लेंगे। यह चर्चाएं अमेरिका और चीन में बारी-बारी से या दोनों देशों की सहमति से किसी तीसरे देश में आयोजित की जा सकती हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में व्यापार घाटा वाले देशों पर टैरिफ लगाने की नीति अपनाई थी। हालांकि, बाद में कई देशों के साथ बातचीत शुरू होने के बाद उन्होंने 90 दिनों के लिए शुल्क रोकने का फैसला लिया। China के मामले में ट्रम्प ने संकेत दिया था कि यह शुल्क 245 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं, जबकि चीन ने अमेरिका के लिए 125 प्रतिशत शुल्क लगाए थे।
अपने दूसरे कार्यकाल में राष्ट्रपति ट्रम्प ने फिर से दोहराया है कि अमेरिका निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करने के लिए अन्य देशों द्वारा लगाए गए शुल्कों का मिलान करेगा, जिसमें भारत भी शामिल है।
