Varanasi : मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल (CDO) की अध्यक्षता में शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में पीएम किसान संतृप्तिकरण अभियान(PM Kisan Saturation Campaign), डिजिटल क्रॉप सर्वे (DCS) तथा फार्मर रजिस्ट्री की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में मुख्य राजस्व अधिकारी, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी, कृषि विभाग समेत संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
सीडीओ ने पीएम किसान योजना के संतृप्तिकरण अभियान (saturation campaign) की धीमी प्रगति पर कड़ा रुख अपनाया। 15 मई तक 583 ग्रामों में कैंप आयोजित किए गए थे, लेकिन भूमि अंकन का लक्ष्य 39,731 के सापेक्ष सिर्फ 1,679, eKYC के 16,072 के लक्ष्य के सापेक्ष 4,238, तथा NPCI मैपिंग के 17,426 के मुकाबले केवल 6,906 किसानों का कार्य पूर्ण हुआ है।

इसपर नाराजगी जताते हुए CDO ने सभी उप जिलाधिकारियों को लेखपालवार लक्ष्य निर्धारित करने और लंबित कार्यों के लिए जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए। खंड विकास अधिकारियों से कहा गया कि सहायक विकास अधिकारियों की समीक्षा कर लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा जाए।
जायद फसलों के डिजिटल क्रॉप सर्वे की प्रगति भी असंतोषजनक पाई गई। सीडीओ नागपाल ने तहसीलदारों को निर्देशित किया कि कृषि विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों को समयबद्ध तरीके से गांव आवंटित किए जाएं तथा सर्वे किए गए प्लॉट्स का त्वरित सत्यापन वेरिफायर से कराया जाए।

फार्मर रजिस्ट्री कार्य की समीक्षा में तहसील राजातालाब और सदर की खराब प्रगति पर सीडीओ ने संबंधित उप जिलाधिकारियों को फटकार लगाई। उन्हें व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेते हुए एक सप्ताह में कम से कम 50% लक्ष्य पूर्ण करने और लेखपाल स्तर पर लंबित सत्यापन शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कैंप मोड और जन सेवा केंद्रों के माध्यम से बचे हुए किसानों की रजिस्ट्री तत्काल कराने पर बल दिया।

मुख्य विकास अधिकारी के सख्त रुख के बाद अब सभी विभागों पर लक्ष्यों को तेजी से पूरा करने का दबाव बढ़ गया है। प्रशासन के सामने चुनौती है कि वह किसानों से जुड़ी इन योजनाओं को समयबद्ध और प्रभावी ढंग से लागू कर पाए। आने वाला सप्ताह यह तय करेगा कि अधिकारियों की सक्रियता में बदलाव आता है या लापरवाही का सिलसिला यूं ही चलता रहेगा।
